राष्ट्रीय
16-Sep-2025


नई दिल्ली(ईएमएस)। एक अक्टूबर से फसल खरीदी का निर्णय केंद्र सरकार ने लिया था। लेकिन अब इसमें बदलाव की संभावना दिख रही है। माना जा रहा है कि जिस राज्य में जैसी जरुरत होगी उसी के अनुसार केंद्र सरकार फसल खरीदी का निर्णय करेगी। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने नई दिल्ली में केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी के साथ बैठक कर किसानों के हितों और फसल खरीद से जुड़े विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि हरियाणा में 1 अक्टूबर से प्रस्तावित फसल खरीद को निर्धारित समय से पहले शुरू करने की अनुमति दी जाए, ताकि किसानों को बिना किसी परेशानी के अपनी उपज बेचने का अवसर मिल सके। मुख्यमंत्री के इस आग्रह को केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया। बैठक के दौरान, प्राइवेट एंटरप्रेन्योर्स गारंटी (पीईजी) स्कीम के तहत हरियाणा के गोदामों की क्षमता को बढ़ाकर 30 लाख मीट्रिक टन करने की केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी प्रदान की गई। इसके अलावा, केंद्रीय पूल में हरियाणा द्वारा दिए गए गेहूँ और चावल की फसल की बकाया राशि 6200 करोड़ रुपये का जल्द भुगतान का भी आश्वासन मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के पास मौजूदा वक्त में केंद्रीय पूल का 100 लाख मीट्रिक टन गेहूं और चावल का स्टॉक है। दिसंबर में अगली फसल की सप्लाई शुरू होने पर हरियाणा को 14.5 लाख मीट्रिक टन स्टॉक रखने का स्थान केंद्र सरकार से अतिरिक्त प्राप्त होगा। अतिरिक्त चावल व गेहूं को अन्य राज्यों में भेजा जाएगा। बैठक के दौरान, फसल विविधीकरण और गन्ने की फसल को बढ़ावा देने के लिए सैनी ने शुगर मिल की दूरी को 25 किलोमीटर से घटाकर 15 किलोमीटर रखने का प्रस्ताव दिया, जिस पर भारत सरकार ने अनुमोदन दिया। वीरेंद्र/ईएमएस/16सितंबर2025 -----------------------------------