नई दिल्ली,(ईएमएस)। खांसी में काम आने वाले कफ सिरप ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में 12 बच्चों की जान ले ली। बढ़ती मौते के मद्दे नजर तमिलनाडु सरकार ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा दी है। साथ ही इसे पूरे बाजार से हटाने के निर्देश दिया गया है। चेन्नई स्थित इस कंपनी द्वारा निर्मित कफ सिरप की बिक्री पूरे तमिलनाडु में रोक लगा दी गई है। इस बीच, दिल्ली और चेन्नई के औषधि नियंत्रण अधिकारियों ने कांचीपुरम स्थित एक दवा संयंत्र में निर्माण इकाई की जांच की। वहीं राजस्थान सरकार ने राज्य औषधि नियंत्रक को निलंबित कर दिया है। साथ ही जयपुर स्थित कंपनी केसन्स फार्मा द्वारा निर्मित दवाओं की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। बता दें कि कांचीपुरम जिले के सुंगुवरछत्रम स्थित दवा कंपनी राजस्थान, मध्य प्रदेश और पुडुचेरी को दवाइयां सप्लाई करती है। तमिलनाडु सरकार ने कफ सिरप कोल्ड्रिफ की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही बाजार से इसे हटाने का आदेश भी जारी किया गया। खाद्य सुरक्षा विभाग ने बताया कि 1 अक्टूबर से राज्य में इसका निर्माण और बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित है। कांचीपुरम जिले के उत्पादन प्लांट का निरीक्षण कर सैंपल कलेक्ट किए गए। सरकारी लैब से टेस्टिंग के बाद रिपोर्ट आने तक कंपनी को इस सिरप के उत्पादन पर प्रतिबंध लगा दी गई है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने छिंदवाड़ा जिले में 7 सितंबर से संदिग्ध किडनी रोग से पीड़ित बच्चों की मौतों के लिए कफ सिरप में ब्रेक ऑयल सॉल्वेंट मिलाने को ज़िम्मेदार ठहराया है। इधर स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रयोगशालाओं से रिपोर्ट आने तक कंपनी को सुविधा केंद्र में सिरप का उत्पादन रोकने का आदेश दिया गया है। इधर, राजस्थान सरकार भी एक्शन में है। राजस्थान सरकार ने कार्रवाई करते हुए औषधि नियंत्रक को निलंबित कर दिया है और जयपुर स्थित कंपनी केसन्स फार्मा द्वारा निर्मित दवाओं का वितरण रोक दिया है। अधिकारियों ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने केसन्स फार्मा द्वारा निर्मित सभी 19 दवाओं की आपूर्ति अगले आदेश तक बैन कर दी है। डेक्सट्रोमेथॉर्फन युक्त अन्य सभी कफ सिरप के वितरण पर रोक लगा दिया गया है। 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों न दें दवा, निर्देश जारी बच्चों की मौत के मामले को संज्ञान में लेते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाएं न दी जाएं। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय द्वारा जारी यह निर्देश एमपी और राजस्थान में कथित रूप से दूषित कफ सिरप से बच्चों की मौतों के बीच आया है। वीरेंद्र/ईएमएस/04अक्टूबर2025 ------------------------------------