इन्दौर (ईएमएस) अतिवृष्टि से तबाह हुए किसानों की हालत पर सरकार की बेरुखी, भावान्तर योजना की आड़ में किसानों को ठगने, खाद संकट, बिजली बिल और स्मार्ट मीटर थोपने, अहिल्या पथ योजना से पीड़ित किसान, भूमि अधिग्रहण और किसानों की बेदखली जैसे गंभीर मुद्दों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 15 अक्टूबर को इंदौर कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं रामस्वरूप मंत्री, बबलू जाधव, चंदनसिंह बड़वाया शैलेंद्र पटेल, अरुण चौहान रुद्रपाल यादव ने बताया कि सरकार लगातार किसानों की समस्याओं से आँखें मूंदे हुए है। भावान्तर योजना बड़ी कंपनियों को लाभ देने की योजना बन गई है, जबकि किसान को उसकी फसल का उचित भाव तक नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि मोर्चा की मुख्य मांगें हैं -ग्रीन फील्ड कॉरिडोर निरस्त किया जाए । - भावांतर योजना को बंद कर सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाए। - जंगली सुअरों घोड़ा रोज़ द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं उनका समाधान किया जाए। - अहिल्या पथ योजना वर्तमान में बंद है जिसके चलते भू स्वामियों को अपनी जमीन को विकसित करने कि छुट दी जाए और टीएनसीपी डायवर्सन पर लगी रोक को तत्काल हटाया जाए । - धान की कीमत ₹3300/क्विंटल घोषित की जाए। - फसल क्षति का मुआवजा पटवारी स्तर पर दें, बीमा घोटाला रोका जाए। - खाद संकट दूर कर सभी किसानों को समय पर खाद उपलब्ध हो। - नकली खाद-बीज पर सख्त कार्रवाई हो। - जबरन भूमि अधिग्रहण और बेदखली पर रोक लगे। - किसानों को 12 घंटे दिन में बिजली दी जाए, स्मार्ट मीटर योजना रद्द हो। - आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार को मुआवजा व नौकरी दी जाए। - मुक्त व्यापार से किसानों को नुकसान न हो, कपास किसानों को भरपाई मिले। - रबी फसलों के लिए घोषित MSP दरें वापस लेकर नई दरें तय की जाएं। किसान नेताओं का कहना है कि प्रदर्शन के दौरान एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा। यदि समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो 27 अक्टूबर को भोपाल में बड़ा किसान आंदोलन किया जाएगा। आनन्द पुरोहित/ 11 अक्टूबर 2025