खंडवा (ईएमएस)। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) लागू होने के बाद, देश में फांसी की सज़ा सुनाए जाने का यह दूसरा मामला है। यह मामला खंडवा जिले की ग्राम छैगांव का है, जहाँ 23 वर्षीय चंपालाल उर्फ चैन मेहतर ने अपने 60 वर्षीय पड़ोसी रामनाथ को कुल्हाड़ी से गला काटकर हत्या कर दी थी। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश अनिल चौधरी की कोर्ट ने अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे एडीपीओ विनोद पटले के तर्कों को स्वीकार करते हुए यह फैसला सुनाया। पटले ने बताया कि इस जघन्य अपराध को अंधविश्वास और जादू-टोने के नाम पर अंजाम दिया गया, जिससे मृतक की पत्नी और समुदाय में भारी दहशत फैल गई थी। कोर्ट ने इस मामले को जघन्यतम अपराध की श्रेणी में रखते हुए, त्वरित मॉनिटरिंग और ट्रायल के कारण मात्र सात महीने में फैसला सुनाया। न्यायाधीश कुमार राय ने बताया कि आरोपी को भारतीय न्याय संहिता-2023 की धारा 103(1) के तहत फांसी का दंड दिया गया है। यह मामला फास्ट ट्रैक मोड पर त्वरित न्याय का एक उत्कृष्ट उदाहरण बन गया है।