-कांग्रेस सांसद थरूर ने इस सापेक्षिक अनुपस्थिति को चौंकाने वाला बताया नई दिल्ली,(ईएमएस)। मिस्र के शर्म एल-शेख में आयोजित गाजा शांति शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने किया। अब इसको लेकर विपक्षी नेता मोदी सरकार पर हमलावर हैं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोशल मीडिया पर भारत की इस सापेक्षिक अनुपस्थिति को चौंकाने वाला बताते हुए सवाल उठाए। हालांकि पूर्व विदेश सचिव और वर्तमान जेएनयू कुलपति कंवल सिब्बल ने सरकार के फैसले का बचाव करते हुए इसे सही कदम करार दिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा बताया जा रहा है कि पीएम मोदी को इस शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया गया था, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और करीब 20 अन्य विश्व नेता शामिल हुए। हालांकि, भारत सरकार ने कीर्ति वर्धन सिंह को शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भेजा। थरूर ने कहा कि मिस्र के शर्म अल-शेख में गाजा शांति शिखर सम्मेलन में भारत की तरफ से राज्य मंत्री को भेजना अपने आप को रणनीतिक रूप से सीमित करने और ‘एक चूके हुए अवसर’ की तरह है। थरूर ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में लिखा- शर्म अल-शेख गाजा शांति शिखर सम्मेलन में राज्य मंत्री के स्तर पर भारत की उपस्थिति, वहां एकत्रित राष्ट्राध्यक्षों के बिल्कुल अलग है। रणनीतिक रूप से सीमित करना या चूका हुआ अवसर है? थरूर ने कहा कि यह कीर्ति वर्धन सिंह पर कोई टिप्पणी नहीं है और उनकी योग्यता पर कोई सवाल नहीं है, लेकिन वहां दिग्गजों की मौजूदगी को देखते हुए भारत के इस फैसले को रणनीतिक दूरी बनाए रखने की प्राथमिकता के संकेत के रूप में देखा जा सकता है, जो हमारे बयानों से जाहिर नहीं होता। थरूर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने एक्स पर एक विस्तृत पोस्ट शेयर की। सिब्बल भारत के तुर्की, मिस्र, फ्रांस और रूस में राजदूत रह चुके हैं। उन्होंने शिखर सम्मेलन को शांति की दिशा में अच्छा कदम बताया, लेकिन चेतावनी दी कि इजराइल, फिलिस्तीन, लेबनान, सीरिया और ईरान से जुड़े अनसुलझे संघर्षों के कारण स्थायी शांति की संभावनाएं जटिल हैं। उन्होंने गाजा के प्रस्तावित पुनर्निर्माण योजनाओं को बहुत विवादास्पद करार देते हुए आरोप लगाया कि इनमें संदिग्ध रियल एस्टेट और पश्चिमी व्यावसायिक हित शामिल हैं। सिब्बल ने भारत के प्रतिनिधित्व को उचित बताया हुए कहा कि राज्य मंत्री को भेजना इस समय सही फैसला था। सिब्बल ने अपनी दलील में ट्रंप का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मोदी का गाजा जाना ट्रंप के साथ बैठक को अनिवार्य रूप से जल्दबाजी में कर देता, जबकि टैरिफ मुद्दों का समाधान अभी बाकी है। राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने शर्म अल-शेख में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी की सह-मेजबानी में आयोजित गाजा शांति शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। उन्होंने एक्स पर लिखा- मिस्र के शर्म अल-शेख में गाजा शांति शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी के विशेष दूत के रूप में ट्रंप के साथ मंच साझा किया, जो राजनयिक जुड़ाव एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में एक अहम क्षण था। सम्मेलन के दौरान विदेश राज्यमंत्री की ट्रंप से भी मुलाकात हुई। दोनों नेताओं के बीच करीब 30 सेकेंड तक बातचीत हुई, जिसमें दोनों नेता मुस्कुराते हुए नजर आए। सिराज/ईएमएस 14अक्टूबर25