नई दिल्ली(ईएमएस)। मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने तालिबानी विदेश मंत्री के भारत में भव्य स्वागत पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने खरे शब्दों में तालिबान को महिलाओं पर जुल्म ढाने वाली और उनके हक का हनन करने वाली इस्लामिक संगठन बताया है। लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने एक्स पर पोस्ट कर अपनी नाराजगी खुलेआम जाहिर की। बता दें कि ये पहला मौका नहीं है जब जावेद अख्तर ने किसी राजनैतिक मामले में अपना पक्ष रखा है। वो इससे पहले भी कई बार राजनीति और समाज से जुड़े मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रख चुके हैं। हाल ही में जावेद अख्तर ने सेंसर बोर्ड पर तंज कसते हुए फिल्म इंडस्ट्री की मर्दानी सोच पर प्रहार किया था। उन्होंने कहा था कि आज भी ज्यादातर फिल्में मर्दों के लिए बनती हैं। अपने एक्स पर अख्तर ने सहारनपुर के दारुल उलूम देवबंद को भी तालिबान मंत्री के भव्य स्वागत के लिए फटकार लगाई। लेखक और गीतकार ने अपने पोस्ट में लिखा, ‘मुझे शर्म आती है। मेरा सिर शर्म से झुक जाता है। जब मैं देखता हूं कि दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी समूह तालिबान के प्रतिनिधि को किस तरह का सम्मान दिया गया और उसका देश में किय तरह का भव्य स्वागत किया गया है। वो अपने पोस्ट में अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए आगे लिखते हैं, जो लोग हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज उठाते हैं, उन लोगों ने भी तालिबान का इतना भव्य स्वागत किया। देवबंद को भी शर्म आनी चाहिए कि उन्होंने अपने ‘इस्लामिक हीरो’ का इतना आदरपूर्ण स्वागत किया, जो उन लोगों में से एक है जिन्होंने लड़कियों की शिक्षा को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। ये उन लोगों में से एक हैं जो महिलाओं पर जुल्म ढाते हैं। मेरे भारतीय भाइयों और बहनों… हमारे साथ क्या हो रहा है। ये हमें क्या हो गया है। जावेद अख्तर ने अश्लील फिल्मों पर बात करते हुए कहा था कि ये सोच की वजह से है। मानसिक सेहत पर फिल्मों के असर पर कहा कि ऐसी फिल्मों की लोकप्रियता समाज की अनुमति से जन्म लेती है जो पुरुषों की मेंटल हेल्थ की वजह से बनाई जा रही हैं। अगर पुरुषों का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो जाए, तो ऐसी फिल्में नहीं बनेंगी और अगर बनेंगी भी, तो वे सफल नहीं होंगी। वीरेंद्र/ईएमएस/14अक्टूबर2025