अंतर्राष्ट्रीय
15-Oct-2025
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-दुनिया का पहला देश बना, डब्ल्यूएचओ ने कहा- मालदीव ने कमाल कर दिया माले,(ईएमएस)। कई बीमारियां ऐसी हैं, जो मां से बच्चे में ट्रांसफर हो जाती हैं। जिनमें एचआईवी, सिफलिस और हेपेटाइटिस-बी इंफेक्शन भी मां से बच्चे में ट्रांसमिट होते हैं। इसे रोकने के लिए बच्चों को पैदा होने के बाद कई टीके लगाए जाते हैं, ताकि बच्चा स्वस्थ रहे। दुनियाभर में मां से बच्चों में फैलने वाली इन बीमारियों को रोकने की कोशिश जारी हैं। इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि मालदीव दुनिया का पहला ऐसा देश है जिसने कमाल कर दिया। मालदीव ने मां से शिशु संक्रमण की तीन प्रमुख बीमारियों एचआईवी, सिफलिस और हेपेटाइटिस-बी को पूरी तरह खत्म कर दिया है। डब्ल्यूएचओ ने मालदीव की इस सफलता को मान्यता भी दे दी है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले 2019 में मालदीव को एचआईवी और सिफलिस के संक्रमण को मात देने की मान्यता मिली थी। अब हेपेटाइटिस-बी को भी शामिल कर वह दुनिया का पहला देश बन गया है, जिसने ट्रिपल एलिमिनेशन हासिल की है। मालदीव ने अपने हेल्थ सिस्टम को इस तरह डेवलप किया है कि 95फीसदी से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को नियमित गर्भावस्था देखभाल मिलती है। इसके तहत एचआईवी, सिफलिस और हेपेटाइटिस-बी के टेस्ट को गर्भावस्था की शुरुआत में शामिल किया जाता है। नवजात शिशुओं को जन्म के पहले 24 घंटे के अंदर हेपेटाइटिस-बी टीका दिया जाता है और उसके बाद प्रॉपर वैक्सीनेशन किया जाता है। इसकी बदौलत 2022 और 2023 में मालदीव में किसी भी शिशु में एचआईवी या सिफलिस का संक्रमण नहीं पाया गया है। 2023 के एक नेशनल सर्वे में यह भी पुष्टि हुई कि प्राइमरी स्कूल में एडमिशन लेने वाले बच्चों में भी कोई हेपेटाइटिस-बी संक्रमण नहीं मिला। डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के मुताबिक दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में 2024 में करीब 23000 गर्भवती महिलाओं में सिफलिस था। इसकी वजह से करीब 8000 शिशुओं को जन्मजात सिफलिस हो गया। इसके अलावा करीब 25000 एचआईवी-पॉजिटिव महिलाओं को संक्रमण रोकने की दवाएं दी थीं। हेपेटाइटिस-बी की समस्या भी बड़ी है। इस क्षेत्र में करीब 4.20 करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी संक्रमण से जूझ रहे हैं। ऐसे में मालदीव की यह सफलता काफी अहम है। यह दिखाती है कि सही हेल्थ सिस्टम से इन बीमारियों को रोका जा सकता है। मालदीव ने मातृ और शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रमों को एचआईवी, सिफलिस और हेपेटाइटिस-बी केयर से जोड़ दिया है। इस तरह एक ही सिस्टम के अंदर टेस्ट, ट्रीटमेंट और वैक्सीनेशन संभव हुआ। मालदीव ने स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज भी लागू किया है, जिसमें गर्भावस्था देखभाल, डायग्नोस और वैक्सीन सभी को निशुल्क दी जाती हैं। डब्ल्यूएचओ की मानें तो मालदीव ने बड़ा कारनामा कर दिखाया है, लेकिन इस सफलता को बनाए रखना चुनौती है। मालदीव को डिजिटल स्वास्थ्य सूचना प्रणालियों को और बेहतर करना होगा, माइग्रेंट आबादी व बाहरी क्षेत्रों में पहुंच बढ़ानी होगी, निजी स्वास्थ्य क्षेत्र को और जोड़ना होगा और लैब के क्वालिटी मैनेजमेंट को मजबूत करना होगा। डब्ल्यूएचओ ने ऐलान किया है कि वह मालदीव को तकनीकी सहायता जारी रखेगा, ताकि ये उपलब्धियां लंबे समय तक बनी रहें। सिराज/ईएमएस 15 अक्टूबर 2025