-सर्बिया ने बाल्कन को अस्थिर करने का लगाया आरोप, ऑब्जर्वर्स ने बताया पाखंड अंकारा,(ईएमएस)। यूरोपीय देश सर्बिया ने चेतावनी दी है कि तुर्की, ऑटोमन साम्राज्य फिर बहाल करने की सोच रहा है। सर्बिया ने तुर्की पर बाल्कन को अस्थिर करने का आरोप लगाया। सर्बिया का ये आरोप ऐसे समय आया है जब तुर्की ने सर्बिया के दुश्मन कोसोवो को कामिकेज ड्रोन दिए हैं। हालांकि कई ऑब्जर्वर्स सर्बिया के आरोपों को पाखंड बता रहे हैं, क्योंकि उसने हाल ही में तुर्की के दुश्मन साइप्रस को हथियार भेजे हैं। तुर्की और सर्बिया के आमने-सामने आने से बाल्कन का तापमान बढ़ गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 8 अक्टूबर को सर्बिया के राष्ट्रपति अलेक्सांद्र वुसिक ने तुर्की पर अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ने और कोसोवो को हथियार देकर पश्चिमी बाल्कन में अस्थिरता पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह तुर्की के व्यवहार, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1244 के क्रूर उल्लंघन और प्रिस्टिना के अधिकारियों को लगातार हथियार दिए जाने से डरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि अब यह पूरी तरह से साफ है कि तुर्की, पश्चिमी बाल्कन में स्थिरता नहीं चाहता और एक बार फिर ओटोमन साम्राज्य की बहाली का सपना देख रहा है। सर्बिया एक छोटा देश है, लेकिन हम संदेश को अच्छी तरह समझ गए हैं। बता दें तुर्की और सर्बिया के बीच संबंध अच्छे नहीं हैं। दोनों के बीच हालांकि गहरे आर्थिक सहयोग भी हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव भी बना रहता है। दिलचस्प बात ये है कि तुर्की, कोसोवो से अच्छे संबंध रखता है, जिसपर सर्बिया अपना संप्रभु अधिकार रखने का दावा करता है, जबकि दूसरी तरह सर्बिया, तुर्की के दुश्मन साइप्रस से अच्छे संबंध रखता है और उसे हथियार देता है। तुर्की, कोसोवो के साथ घनिष्ठ संबंध रखता है और 2008 में इसकी स्वतंत्रता को मान्यता देना वाला पहला देश था। बता दें इस विवाद की जड़ें कोसोवो युद्ध के इतिहास में हैं। 1990 के दशक में जब यूगोस्लाविया टूट रहा था, तब सर्बियाई फोर्स और कोसोवो की अल्बानिया के लोगों के बीच हिंसक संघर्ष हुआ था। 1999 में नाटो ने सर्बिया पर हवाई हमले किए और कोसोवो को अंतरराष्ट्रीय प्रशासन के तहत रखा गया। 2008 में कोसोवो ने स्वतंत्रता की घोषणा कर दी और तुर्की ने सबसे पहले इसे मान्यता दी। आज तुर्की न सिर्फ कोसोवो का राजनीतिक समर्थन करता है, बल्कि आर्थिक और रक्षा सहयोग को भी बढ़ा रहा है। वहीं, सर्बिया अब भी कोसोवो को अपने ही देश का हिस्सा मानता है और इसे अलग देश मानने से इनकार करता है। यही वजह है कि तुर्की से कोसोवो को हथियार मिलने की खबर ने बेलग्रेड को भड़का दिया है। कई ऑब्जर्वर्स ने सर्बिया के राष्ट्रपति के बयान को डबल स्टैंडर्ड करार दिया है। क्योंकि खुद सर्बिया भी तुर्की से हथियार खरीद चुका है और दोनों देशों के बीच अरबों डॉलर का व्यापार होता है। 2024 में सर्बिया ने तुर्की से रक्षा सहयोग करने और साथ मिलकर ड्रोन बनाने की घोषणा की थी। दिलचस्प बात यह भी है, कि सर्बिया ने हाल ही में साइप्रस को अपने तमनावा मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर्स बेचे हैं। वहीं, साइप्रस, जिसे तुर्की 1974 से अपना विरोधी मानता है, उसे हथियार देने पर तुर्की ने सर्बिया के खिलाफ कड़ा एतराज जताया था। इसीलिए तुर्की समर्थक एक्सपर्ट्स का कहना है, कि सर्बिया छोटी ड्रोन खेप को अस्थिरता कह रहा है, जबकि वह खुद भूमध्यसागर में हथियारों की राजनीति कर रहा है। सर्बिया खुद को स्लाव और ऑर्थोडॉक्स पहचान के रक्षक के रूप में पेश करता है और रूस के साथ अपने पारंपरिक रिश्तों को मजबूत रखता है। इसीलिए हथियार डिप्लोमेसी ने बाल्कन के तनाव को भड़का दिया है, जहां तुर्की और सर्बिया, दोनों अपने अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए डिफेंस स्ट्रैटजी पर फोकस कर रहे हैं। सिराज/ईएमएस 15 अक्टूबर 2025