:: स्पाइनल एनेस्थीसिया से पीठ दर्द की भ्रांति दूर; एनेस्थेसियोलॉजिस्ट की भूमिका अब ICU और क्रॉनिक पेन कंट्रोल तक विस्तृत :: इंदौर (ईएमएस)। विश्व एनेस्थीसिया दिवस (16 अक्टूबर) से ठीक पहले, इंडियन सोसाइटी ऑफ एनेस्थेसियोलॉजिस्ट्स (ISA) इंदौर चैप्टर ने आमजन में एनेस्थीसिया के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। कार्यक्रम का मुख्य विषय “एनेस्थीसिया है सुरक्षित – जानिए सही जानकारी” था, जिसका उद्देश्य लोगों को इसके आधुनिक और वैज्ञानिक स्वरूप से अवगत कराना था। आईएसए इंदौर चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. प्रकाश दूधिया ने कहा कि तकनीकी प्रगति के कारण मरीजों को अब बिना दर्द और डर के उपचार देना संभव हुआ है, लेकिन समाज में प्रचलित मिथकों को दूर करने के लिए संवाद आवश्यक है। वरिष्ठ एनेस्थेटिस्ट डॉ. राजेन्द्र चौहान ने एक बड़ी भ्रांति को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि अत्याधुनिक नीडल्स और सटीक तकनीक के कारण यह धारणा गलत है कि स्पाइनल एनेस्थीसिया से जीवनभर पीठ दर्द रहता है। डॉ. मीनू चड्ढा ने एनेस्थेसियोलॉजिस्ट की विस्तृत भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि अब यह विशेषज्ञ केवल ऑपरेशन थिएटर तक सीमित नहीं हैं, बल्कि आईसीयू प्रबंधन, क्रॉनिक पेन कंट्रोल (विशेषकर कैंसर मरीजों हेतु) और पेरिऑपरेटिव केयर में भी अहम योगदान देते हैं। डॉ. सुबोध चतुर्वेदी ने इंदौर पुलिस, डायल 100 टीम और एमराल्ड स्कूल को दिए गए सीपीआर प्रशिक्षण जैसी संस्था की सामाजिक गतिविधियों पर भी प्रकाश डाला। डॉ. विकास गुप्ता ने नागरिकों के लिए तीन प्रमुख बिंदु साझा किए - एनेस्थीसिया पूरी तरह सुरक्षित है; सर्जरी से पहले मेडिकल हिस्ट्री और एलर्जी की जानकारी देना अनिवार्य है; और खुला संवाद ही सुरक्षित सर्जरी की कुंजी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में, आईएसए इंदौर ने सेफ स्लीप, सेफ सर्जरी नामक महत्वाकांक्षी जन-जागरूकता अभियान की घोषणा की, जिसके तहत फ्री काउंसलिंग सेशन्स और स्कूल-कॉलेज अवेयरनेस प्रोग्राम्स आयोजित किए जाएंगे। सचिव डॉ. फ़िरोज़ शाह ने इस पहल को समाजहित में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। प्रकाश/15 अक्टूबर 2025