:: मंडी व्यवस्था, तौल कांटे और ट्रैफिक प्रबंधन पर जोर; किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के निर्देश :: इंदौर (ईएमएस)। सोयाबीन भावांतर भुगतान योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर आज कलेक्टर सभागृह में अपर कलेक्टर नवजीवन विजय पंवार की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में उप संचालक कृषि सी.एल. केवड़ा, मंडी सचिव रामवीर किरार सहित जिले के किसान और उनके प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में बताया गया कि इंदौर जिले में चार मंडियों और तीन उप-मंडियों के माध्यम से किसानों को योजना का लाभ दिया जाना है। अपर कलेक्टर ने दोहराया कि सोयाबीन भावांतर योजना में पंजीयन का अंतिम दिन 17 अक्टूबर है, इसलिए किसान अपना पंजीयन अवश्य करा लें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को उनकी सोयाबीन फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्राप्त हो। उन्होंने सभी विक्रय केंद्रों पर पीओएस मशीन, इंटरनेट, पर्याप्त कर्मचारियों, नए मात्रक तौल कांटे और व्यापारियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। इसके अलावा, मंडीवार एसओपी का निर्धारण, नीलामी, ऑनलाइन भुगतान, और कृषक शिकायतों का त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए गए। संभावित आवक को देखते हुए सभी मंडियों में ट्रैफिक प्रबंधन के समुचित उपाय करने पर भी जोर दिया गया। यह भी स्पष्ट किया गया कि भावांतर राशि का भुगतान किसानों को आरटीजीएस/एनईएफटी के माध्यम से किया जाएगा। प्रकाश/16 अक्टूबर 2025