राज्य
21-Oct-2025
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:: अवकाश की मांग तेज : छठ को यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल करने के प्रयासों के बीच म.प्र. सरकार से सार्वजनिक छुट्टी की अपील :: इंदौर (ईएमएस)। दीपावली के उल्लास के बाद, मालवा की धरती पर अब पूर्वांचल की आस्था का महा-पर्व छठ पूजा अपनी अलौकिक ज्योति प्रज्वलित करने जा रहा है। इंदौर में बसे बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लगभग ढाई से तीन लाख प्रवासी परिवार सूर्योपासना के इस चार-दिवसीय महापर्व की तैयारियों में पूरी तन्मयता से जुट गए हैं। शहर की हर बस्ती और मोहल्ले में इन दिनों “केलवा के पात पर उगेल भइल सुरजदेव” जैसे मधुर लोकगीत गूंज रहे हैं, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय और छठमय हो उठा है। :: चार-दिवसीय पर्व का अनुष्ठान :: छठ महापर्व का शुभारंभ इस वर्ष 25 अक्टूबर, शनिवार को नहाय-खाय के साथ होगा। ------------------------------------------------------------------------------------------------------ तिथि दिन अनुष्ठान विवरण ------------------------------------------------------------------------------------------------------ 25 अक्टूबर शनिवार नहाय-खाय स्नान और सात्विक भोजन ग्रहण करना। 26 अक्टूबर रविवार खरना व्रती महिलाएं दिन भर का निर्जला व्रत रखकर शाम को खीर का प्रसाद ग्रहण करेंगी। 27 अक्टूबर सोमवार सांध्य अर्घ्य श्रद्धालु तालाबों और जलाशयों में खड़े होकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे। 28 अक्टूबर मंगलवार उषा अर्घ्य उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ महापर्व का समापन होगा। ------------------------------------------------------------------------------------------------------ :: 150 से अधिक घाटों पर भव्य आयोजन :: पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान, मध्य प्रदेश के अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह और महासचिव के. के. झा ने बताया कि इस वर्ष शहर में लगभग 150 से अधिक स्थानों पर छठ घाटों का निर्माण और सजावट की जा रही है। इन घाटों में स्कीम नंबर 54, 78, बाणगंगा, सुखलिया, पिपलियाहाना, कालानी नगर, सिरपुर और खजराना जैसे प्रमुख स्थान शामिल हैं। शहर की विभिन्न छठ पूजा समितियाँ पूरी तन्मयता से घाटों की सफाई, रंग-रोगन, और सजावट में जुटी हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। अनुमान है कि बिहार चुनाव के कारण कुछ संख्या में श्रद्धालुओं के गृह राज्य लौटने के बावजूद इंदौर में लगभग ढाई से तीन लाख श्रद्धालु इस महापर्व में शामिल होंगे। :: छठ अब राष्ट्रीय पर्व, अवकाश की मांग :: पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान ने राज्य सरकार से 27 अक्टूबर (सांध्य अर्घ्य के दिन) को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की पुरजोर मांग की है। संस्थान का तर्क है कि छठ अब केवल पूर्वांचल तक सीमित नहीं रहा, बल्कि एक राष्ट्रीय और वैश्विक पर्व बन चुका है। संस्थान ने इस बात पर ज़ोर दिया कि देश के कई राज्यों में छठ पर्व पर अवकाश घोषित किया जा चुका है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी इस पर्व को यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल करने के प्रयासों की घोषणा से इसकी गरिमा और भी बढ़ गई है। :: प्रशासन से स्थायी घाट निर्माण का आग्रह :: संस्थान के अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह ने जिला प्रशासन और नगर निगम से अनुरोध किया है कि श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए पिपलियाहाना, निपानिया, सिरपुर, खजराना, टिगरिया बादशाह और पिपलियापाला जैसे मुख्य तालाबों पर स्थायी और भव्य छठ घाटों का निर्माण कराया जाए, जिससे प्रतिवर्ष पूजा में स्थायी सुविधा मिल सके। प्रकाश/21 अक्टूबर 2025 संलग्न फोटो :- इंदौर। मेयर इन कौंसिल के सदस्य राजेंद्र राठौर द्वारा पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान के पदाधिकारियों के साथ विजय नगर छठ घाट का निरिक्षण करते हुए।