नई दिल्ली,(ईएमएस)। बेल्जियम की एंटवर्प अदालत ने भारत के भगौड़े हीरा कारोबारी मेहुल चौकसी को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी है। एंटवर्प कोर्ट ने कहा कि चौकसी बेल्जियम का नहीं, बल्कि विदेशी नागरिक है। उसके खिलाफ भारत में लगे आरोप (धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार, जालसाजी) गंभीर आपराधिक प्रकृति के हैं। एंटवर्प कोर्ट को विश्वास है कि भगौड़े आरोपी मेहुल को भारत में निष्पक्ष सुनवाई मिलेगी और जेल की सुविधाएं अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होंगी। कोर्ट ने चौकसी की उन दलीलों को खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया था कि मामला राजनीतिक प्रतिशोध, धार्मिक/ नस्लीय भेदभाव या अपहरण/यातना से प्रेरित है। कोर्ट ने इन आरोपों को निराधार बताया। भारत सरकार अब चौकसी को जल्द से जल्द भारत लाने की तैयारी कर रही है। औपचारिक प्रक्रिया के बाद प्रत्यर्पण की तारीख तय होगी। चौकसी 2018 में पीएनबी लोन घोटाला उजागर होने के बाद भाग गया था। उसने अपने भांजे नीरव मोदी के साथ मिलकर बैंक को करीब 13,000 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया था। वहीं चौकसी के भांजे नीरव मोदी इस समय ब्रिटेन की जेल में बंद है और उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पहले से चल रही है। इस फैसले को भारत के लिए एक बड़ी कानूनी जीत माना जा रहा है। क्या था पूरा प्रकरण वर्ष 2018 में पीएनबी लोन घोटाला उजागर होने के बाद मेहुल चौकसी भारत से भाग गया था। उनके अपने भांजे नीरव मोदी के साथ मिलकर बैंक को लगभग 13,000 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया था। नीरव मोदी इस समय ब्रिटेन की जेल में बंद है और उसके भारत प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पहले से चल रही है। विदेश मंत्रालय और केंद्रीय जांच एजेंसियों ने ‘न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कदम’ बताया है। आशीष दुबे / 22 अक्टूबर 2025