मनोरंजन
25-Oct-2025
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मुंबई (ईएमएस)। मशहूर सुपर स्टार प्रभास ने तेलुगु फिल्मों ‘वरशम’, ‘छत्रपति’ और ‘मिर्ची’ से लोकप्रियता पाई, पर असली मुकाम उन्हें एस.एस. राजामौली की ‘बाहुबली’ सीरीज से मिला। 23 अक्टूबर 1979 को जन्मे प्रभास को इस किरदार ने विश्व स्तर पर प्रसिद्ध कर दिया। पर्दे पर जहां वह एक शाही योद्धा के रूप में नजर आए, वहीं असल जीवन में प्रभास बेहद शांत, शर्मीले और विनम्र व्यक्ति माने जाते हैं। प्रभास को लोगों ने सिर्फ एक अभिनेता के रूप में नहीं, बल्कि एक प्रेरणा के रूप में स्वीकार किया है। 2015 की फोर्ब्स इंडिया सेलिब्रिटी 100 सूची में शामिल प्रभास को ‘रिबेल स्टार’ कहा जाता है। उन्हें सात फिल्मफेयर नॉमिनेशन, एक नंदी पुरस्कार और एक सिम्मा अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। लेकिन उनकी असली पहचान केवल पुरस्कारों से नहीं, बल्कि उनके समर्पण की कहानियों से बनती है। साल 2013 में जब राजामौली ने उन्हें ‘बाहुबली’ के लिए साइन किया, तो उन्होंने साफ कहा कि यह प्रोजेक्ट पांच साल तक चलेगा और प्रभास को इस दौरान कोई अन्य फिल्म नहीं करनी होगी। तेलुगु सिनेमा के उस समय के सबसे व्यस्त सितारों में से एक प्रभास ने बिना झिझक यह शर्त स्वीकार की। उन्होंने पांच साल तक अपने करियर को ‘बाहुबली’ के लिए समर्पित कर दिया। इस दौरान उन्हें 8 से 10 करोड़ रुपये के कई विज्ञापन प्रस्ताव मिले, जिन्हें उन्होंने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि वह अपने किरदार के लुक और फिजिक से कोई समझौता नहीं करेंगे। इस फैसले से उन्हें करोड़ों का नुकसान हुआ, लेकिन उनकी निष्ठा अडिग रही। फिल्म पूरी होने के बाद, राजामौली ने प्रभास को 10 करोड़ रुपये का चेक देकर उन त्यागे गए विज्ञापनों का मुआवजा देना चाहा, पर प्रभास ने बड़ी विनम्रता से यह कहते हुए ठुकरा दिया कि उन्होंने यह फिल्म पैसे के लिए नहीं, बल्कि एक महान अनुभव के लिए की है। बाद में, राजामौली के आग्रह पर उन्होंने राशि स्वीकार की। यह प्रसंग दिखाता है कि प्रभास सिर्फ एक सुपरस्टार नहीं, बल्कि एक सच्चे कलाकार हैं, जिनके लिए कला, ईमानदारी और निष्ठा ही सबसे बड़ा पुरस्कार है। बता दें कि भारतीय सिनेमा में प्रभास वह नाम हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत, सादगी और समर्पण से दक्षिण भारतीय फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई। सुदामा/ईएमएस 25 अक्टूबर 2025