बस में आग क्यों लगी? फैक्ट्री में आग क्यों लगी? घर में आग क्यों लगी? ट्रेन के डब्बे में आग क्यों लगी? अस्पतालों में आग लगने से बच्चे क्यों मरे? इन सभी सवालों का अक्सर जवाब होता है शार्ट सर्किट। शार्ट सर्किट क्या है? यह कैसे होता है? शार्ट सर्किट को कैसे रोका जा सकता है? जहां तक हम जानते हैं इसके कोई जवाब नहीं मिले हैं। बड़े-बड़े आविष्कार हो रहे हैं। नोबेल पुरस्कार मिल रहे हैं। परंतु आश्चर्य की बात है कि शार्ट सर्किट पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका है। कम से कम इसकी जानकारी सार्वजनिक रूप से तो सामने नहीं आई है। क्या अच्छा हो कि एक नोबेल प्राईज़ इसी विषय पर स्थापित किया जाए। वैज्ञानिक पता लगाएं कि शार्ट सर्किट क्यों होता है? आप घर पर सो रहे हैं। सुबह 5 बजे आपको पता लगता कि आपके घर में आग लग गई है। आग लगने से इतना धुंआ उठ रहा है कि आपको घर का दरवाजा भी नहीं दिख रहा है। कई एयरकंडीशंड बसों में इमरजेंसी दरवाजा नहीं होता है और कई बसों में आग लगते ही उनका ऑटोमैटिक दरवाजा बंद हो जाता है। आप कार में बैठे हैं और कार में आग लग गई है तो कार का दरवाजा बंद हो जाता है और यदि आप ट्रेन में हैं और खासकर मेट्रो ट्रेन में आग लगते ही दरवाजा बंद हो जाता है। इसके चलते यात्री गेट न खुलने की दूसरी मुसीबत में फंस जाते हैं और जिंदा जल जाते हैं। आज वैज्ञानिक खोज के गलत प्रयोग सामूहिक मौत के कारण बन रहे हैं। मेरी समझ में नहीं आता है कि अभी तक क्यों यह पता नहीं लगाया गया कि शार्ट सर्किट क्यों होता है, जो सामूहिक मौतों का कारण बनता है। इसे कैसे रोका जाए? यदि शार्ट सर्किट होता भी है तो उस पर तुरंत कैसे नियंत्रण पाया जाए? इन सभी मुद्दों पर ध्यान देना आवश्यक है, नहीं तो अस्पतालों में बच्चे मरते रहेंगे, बसों में यात्री मरते रहेंगे, कारों में सवार लोग मरते रहेंगे। इस समस्या का हम पूर्ण रूप से निवारण नहीं कर पा रहे हैं। क्या विदेशों के वैज्ञानिक इस संबंध में रिसर्च कर कोई उपाय निकाल पाएंगे? (यह लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं इससे संपादक का सहमत होना अनिवार्य नहीं है) .../ 26 अक्टूबर/2025