भारतीय नागरिक की निजता आधार के 12 अंकों में सिमट गई है।निर्वाचन आयोग की बिहार में एसआईआर की सफलता के बाद अब आगामी पांच राज्यो में होने वाले चुनाव के पूर्व विशेष इंटेसिव रिवीजन की प्रक्रिया शुरू होगी।इसकी घोषणा मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेशकुमार ने पत्रकार परिषद में की गई।।रात ही में वोटर लिस्ट फ़्रिज करने का आश्वासन दिया।आधार कार्ड परोक्ष रूप से अनिवार्य कर दिया है।SIRका दूसरा चरण शुरू होने जा रहा है।बिहार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एसआईआर को लेकर निर्वाचन आयोग पर ही वोट चोरी का आरोप लगाया दिया था।बिहार चुनाव में राहुल गांधी वोट चोरी का आरोप फिर प्रचार के दौरान लगा सकते है।लेकिन निर्वाचन आयोग से कांग्रेस के सभी आरोप बेबुनियाद और मनगढ़ंत होने की पुष्टि करते हुए कहा कि बिहार की तरह 12 राज्यो की वोटर लिस्ट और UT की वोटर लिस्ट अपडेट की जाएगी।चुनाव आयोग ने दावा किया कि दूसरे चरण में मतदान सूची का अपडेशन, नए वोटरों के नाम जोड़ने और त्रुटियों को सुधारने का काम किया जाएगा।आधार परोक्ष रूप से अनिवार्य कर दिया। आधार से सरकार की कई महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजना और गैर कल्याणकारी के साथ जोड़ दिया है।लेकिन सरकार ने इसे केवल पहचान पत्र मात्रही स्वीकृति दी थी।आधार और वोटर आईडी कार्ड में त्रुटियां और नए 18 साल के बच्चों के नाम जोड़ने की प्रक्रिया सबसे पहले विधानसभा चुनाव वाले राज्यो में एसआईआर की कवायद शुरू की जा रही है।आधार कार्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने कई बार अलग अलग सुनवाई में कहा है कि आधार कार्ड को अनिवार्य नही किया जा सकता है।लेकिन अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में निजता के आधार के साथ जोड़ने के आदेश जारी किए गए है।सुप्रीम कोर्ट ने 2013 से 2016 तक लगातार अलग अलग तारीखवार आधार के बारे में दिशा निर्देश दिए जा चुके है।कोर्ट ने तो यह भी कहा कि कल्याणकारी योजनाओं में आधार कार्ड को अनिवार्य नही किया जा सकता है।लेकिन अभी हाल में सुप्रीम के अहम फैसले में एसआईंआर में आरोपो की लंबी लड़ाई को खारिज करते हुए निजता के आधार को मजबूत करार दिया।लेकिन आधार कार्ड देश मे धड़ल्ले से दो हजार में बनाए जा रहे थे।कोई भी व्यक्ति आधार कार्ड बना सकता है।इस पर सरकार का ध्यान गया और आधार कार्ड बनाने के लिए पोस्ट ऑफिस कर्मचारियों को यह जवाबदेही सौंपने के बाद फर्जी आधार कार्ड की मुहिम को विराम मिल गया।क्योकि इसमे घुसपैठ कर भारत मे रह रहे घुसपैठियों को निजता का आधार महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा था।बिहार में एसआईआर पर उठे विवाद को निर्वाचन आयोग ने सिरे से खारिज कर दिया।कांग्रेस का जूठ पकड़ा गया।आयोग ने दावा किया है कि बिहार में एसआईआर की पूर्ण सफलता के पश्चात अब असम,तमिलनाडु, केरल,पांडुचेरी और पश्चिम बंगाल आदि राज्यो में दो साल के भीतर चुनाव है।इन राज्यो में सबसे पहले एसआईआर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।ग्रामीण क्षेत्र में राशन कार्ड,मतदाता परिचय पत्र और रास्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का कार्ड पहचान के लिए मजबूत आधार रहा है।पहचान पत्र के अभाव में सरकारी लाभ नही मिल सकता है।आधार कार्ड से सार्वजनिक वितरण प्रणाली को अच्छे से स्थापित किया गया है।अभी ग्रामीण क्षेत्रों में आधार एक मजबूत पहचान पत्र तो है,लेकिन वोटिंग के लिए पहचान पत्र भी सबसे ज्यादा जरूरी है क्योंकि इसमें व्यक्ति की आइडेंटिटी मौजूद रहती है राशन चोरी रुकी,पेंशन में गड़बड़ रुकी और भ्रष्टाचार पर आधार कार्ड से लगाम लगी।लेकिन विपक्ष खासकर राहुल की समझ से परे निजता का आधार की प्रणाली समझ क्यो नही आई है।स्पेशल इंटेसिव रिवीजन से वोटर लिस्ट अपडेट करने की प्रक्रिया है।जो चुनाव आयोग का एकाधिकारमें आती है।इसमे 18 साल के युवाओ को जोडा जाता है।ऐसे लोग जिनकी मौत हो चुकी है और जो अन्यत्र शिफ्ट हो चुके है इनके नाम मतदाता सूची से हटाए जाते है।वोटर लिस्ट में मतदाता सूची में नाम,पते की गलतियों को सुधारा जाता है।इसमे तहसील स्तर पर बीएलओ खुद घर घर जाकर फार्म भरते है।यह एक सरकारी प्रक्रिया है जिसके लिए स्वयं निर्वाचन आयोग के अधीन रहती है।भले सुप्रीम कोर्ट ने इसके फैसले को स्वीकारोक्ति के आधार पर अनिवार्यता प्रदान की गई है।लेकिन चुनाव आयोग की बढ़ती कार्यप्रणाली और इस सूची में सुधारात्मक दृष्टिकोण से घुसपैठ और फर्जी वोटर आईडी किसी की अब नही बन सकती है।सरकार और चुनाव आयोग की धारणा है कि कोई भी गलतियां नही होनी चाहिए।क्योंकि एक एक वोट कीमती है।हर व्यक्ति को लाभ मिले और व्यक्ति के हिस्से का दुरुपयोग नही हो,इसके लिए सरकार और निर्वाचन आयोग संकल्पित है।आधार की सुरक्षा को लेकर चिंता निराधार है और यह एक मनगढ़ंत साजिश के तहत कांग्रेस की सोची समझी रणनीति थी।संविधान हाथ मे लेकर घूमने वाले कांग्रेसियों ने संविधान कोकभी नही माना है।कांग्रेस का नकारात्मक अभियान निजी स्वार्थ से प्रेरित रहा है।बिहार में SIR को लेकर विवाद हुआ था और सुप्रीम कोर्ट में केस आज भी चल रहा है।उधर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली को सही करार दिया था।दरअसल, 18 सितम्बर को कांग्रेस नेता निर्वाचन आयोग पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा था कि मुख्य चुनाव आयुक्त उनका बचाव कर रहे है।राहुल ने कुछ दिन बाद फिर पर आरोप लगाया कि बीजेपी के साथ चुनाव चुराया।लेकिन बेबुनियाद बाते ज्यादा चल नही सकती है।क्योंकि सच्चाई कभी ओझल नही हो सकती है।राहुल ने मांग भी की थी कि न्यायपालिका को इसमे दखल देना चाहिए और चुनाव आयोग को चुनाव की रक्षा करनी चाहिए।चुनाव आयोग ने कहा कि ऑनलाइन वोट कैंसल कैसे हो सकता है।यह विपक्ष की उपजाऊ बाते है।अब तो समाजवादी पार्टी ने भी आरोप लगाया है कि SIR के बहाने सरकार गरीबो का हक छीनना चाहती है।आरोप-प्रत्यारोप के बाद भी चुनाव आयोग अपना कार्य ईमानदारी से करने जा रही है।जिसका मकसद है मतदाता सूची को अपडेट कर गलतियों को सुधारने की प्रक्रिया को अंजाम देना।आगामी दिनों में कार्य शुरू किया जाएगा। ईएमएस/28/10/2025