 
                            नई दिल्ली (ईएमएस)। उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कई परेशानियां बढ़ने लगती हैं, लेकिन कई बार अभिभावक अपनी देखभाल के बजाय अस्वस्थ जीवनशैली और गलत खान-पान की आदतें अपना लेते हैं। गलत आदतों का असर उनके दिल, फेफड़े, गुर्दे, पाचन तंत्र और दैनिक जीवन के महत्वपूर्ण कार्यों पर पड़ता है। हाल ही में पाचन विशेषज्ञों ने कुछ जरूरी बातें साझा की हैं, जो माता-पिता के स्वास्थ्य, खासकर दिल, फेफड़े और शुगर के स्तर को संतुलित रखने में मददगार साबित हो सकती हैं। हरी सब्ज़ियों और सलाद को अपनी डाइट में शामिल करना बेहद फायदेमंद होता है। इनमें भरपूर फाइबर, विटामिन और मिनरल्स होते हैं, जो न केवल ब्लड शुगर को नियंत्रित रखते हैं बल्कि दिल को भी मजबूत बनाते हैं। इसके साथ ही ओट्स, ज्वार, बाजरा और रागी जैसे साबुत अनाज धीरे-धीरे पचते हैं, जिससे शुगर लेवल स्थिर रहता है और कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम रहता है। रोजाना 30 मिनट की हल्की वॉक, योग या अन्य व्यायाम की आदत दिल और फेफड़ों को मजबूत बनाए रखने में मदद करती है। मछली, अखरोट और फ्लैक्स सीड्स में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड धमनियों को स्वस्थ रखते हैं और हार्ट डिज़ीज़ का खतरा कम करते हैं। पर्याप्त पानी पीना और पूरी नींद लेना भी अत्यंत जरूरी है, क्योंकि डिहाइड्रेशन और नींद की कमी शरीर में सूजन बढ़ाती है और डायबिटीज़ तथा हार्ट डिज़ीज़ के जोखिम को बढ़ाती है। तनाव नियंत्रण भी बेहद अहम है। मेडिटेशन, प्राणायाम या गहरी साँस लेने जैसी तकनीकें हार्मोन संतुलन बनाए रखती हैं और ब्लड प्रेशर को स्थिर करती हैं। इसके साथ ही समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराना, जैसे ब्लड शुगर, लिपिड प्रोफाइल और बीपी की जांच, बीमारियों को शुरुआती चरण में पकड़ने में मदद करता है। वहीं, कुछ आदतें और खान-पान की चीज़ें माता-पिता के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। अधिक नमक और प्रोसेस्ड फूड्स, जैसे पैकेट स्नैक्स, अचार और चिप्स, ब्लड प्रेशर और दिल को नुकसान पहुंचाते हैं। मीठे पेय, पैकेट जूस और सोडा शुगर लेवल बढ़ाते हैं और फैटी लिवर जैसी समस्याओं का कारण बन सकते हैं। लाल मांस का अधिक सेवन कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है और हार्ट डिज़ीज़ के खतरे को बढ़ाता है। धूम्रपान और शराब फेफड़ों, लिवर और दिल के लिए हानिकारक हैं। रात में देर से खाना या भारी भोजन पाचन को प्रभावित करता है और शुगर लेवल बढ़ाता है। नींद की कमी हार्मोनल असंतुलन और वजन बढ़ाने का कारण बनती है, जबकि लंबे समय तक कुर्सी पर बैठे रहना शारीरिक निष्क्रियता के रूप में हार्ट और ब्लड शुगर दोनों के लिए खतरनाक माना जाता है। सुदामा/ईएमएस 30 अक्टूबर 2025