राज्य
01-Nov-2025
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इन्दौर (ईएमएस) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ इन्दौर में जस्टिस प्रणय वर्मा की एकल पीठ ने कोविड ड्यूटी के दौरान दिवंगत नर्स के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते कलेक्टर के आदेश को रद्द कर दिया कलेक्टर ने समय सीमा में किये गये आवेदन को विलंब से बताकर अस्वीकार कर दिया था। कर्मचारी राज्य बीमा अस्पताल, देवास में नर्स के पद पर कार्यरत दिवंगत नर्स की ओर से याचिका उनके पति गेंदलाल वर्मा द्वारा एड्वोकेट अभिनव धानोतकर के मार्फत दायर की गई थी। जिस पर सुनवाई के दौरान शासन के पक्ष को सुनने के बाद कोर्ट ने 6 फरवरी 2024 के आदेश रद्द करते हुए निर्देश दिया कि संबंधित अधिकारी तीन माह में आवेदन पर मेरिट के आधार पर निर्णय लें। एडवोकेट अभिनव धनोड़कर ने याचिका में कोर्ट को बताया था कि गेंदलाल वर्मा ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज कोविड-19 स्वास्थ्य कर्मी बीमा योजना के तहत मुआवजे का आवेदन 19 जुलाई 2022 को दिया था। अतिरिक्त कलेक्टर, देवास ने 6 फरवरी 2024 को आदेश जारी कर आवेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह तय समय सीमा 15 जनवरी 2023 के बाद प्रस्तुत हुआ। हालांकि याचिका सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से यह स्वीकार किया गया कि आवेदन वास्तव में 19 जुलाई 2022 को ही जमा हुआ था। जिस पर अदालत ने पाया कि प्रशासनिक अधिकारी ने तथ्यात्मक भूल के आधार पर आवेदन अस्वीकार किया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अभिनव धनोड़कर ने पक्ष रखा जबकि केंद्र शासन की ओर से उप महाधिवक्ता रोमेश दवे व और राज्य शासन की ओर से उप महाधिवक्ता कुशल गोयल उपस्थित रहे।