मनी लॉन्ड्रिंग जांच में बड़ी कार्रवाई, कंपनी ने आरोपों को बताया निराधार मुंबई (ईएमएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिजनेसमैन अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप पर बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 3,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। यह कदम धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच के दौरान उठाया गया है। जांच एजेंसी ने पुष्टि की है कि यह कुर्की रिलायंस ग्रुप की विभिन्न कंपनियों और अनिल अंबानी से जुड़े लेनदेन के मामले में की गई है। अधिकारियों ने बताया कि कुर्क संपत्तियों से जुड़ा विस्तृत बयान जल्द जारी किया जाएगा। ईडी की यह कार्रवाई उस जांच का हिस्सा है, जिसमें अनिल अंबानी की कई ग्रुप कंपनियों पर बैंकों से लिए गए कर्ज में धोखाधड़ी और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप हैं। एजेंसी 17,000 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध लेनदेन की जांच कर रही है, जिसमें रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर भी शामिल है। इसी मामले में इस साल अगस्त में ईडी ने अनिल अंबानी से भी पूछताछ की थी। इस बीच, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) भी अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों की जांच कर रहा है। सीबीआई ने यस बैंक, उसके पूर्व सीईओ राणा कपूर और उनके रिश्तेदारों की कंपनियों के साथ रिलायंस ग्रुप की कथित धोखाधड़ी वाली डील्स में चार्जशीट दाखिल की है। रिलायंस ग्रुप ने सभी आरोपों से इनकार किया है। कंपनी ने अपने बयान में कहा कि 17,000 करोड़ रुपये की अनियमितताओं और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी बातें पूरी तरह काल्पनिक हैं। कंपनी का कहना है कि वह बैंकों और वित्तीय संस्थानों के कर्ज से मुक्त है तथा जून 2025 तक उसका नेटवर्थ 14,883 करोड़ रुपये है। फिलहाल ईडी की कार्रवाई के बाद मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया का इंतजार है। सतीश मोरे/03नवंबर