नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महिला की याचिका पर एमसीडी से जवाब मांगा है, जिसमें आवारा कुत्ते के काटने के बाद 20 लाख रुपये मुआवजे की मांग की गई है। मालवीय नगर में कुत्ते के हमले में महिला को गंभीर रूप से जख्म हो गई थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महिला की याचिका पर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से जवाब मांगा है, जिसमें महिला ने आवारा कुत्ते के काटने के बाद 20 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है। महिला का आरोप है कि कुत्ते के काटने से उसे न सिर्फ शारीरिक चोटें आईं, बल्कि मानसिक और आर्थिक नुकसान भी हुआ है। मामला दक्षिण दिल्ली के मालवीय नगर स्थित खिड़की गांव रोड का है। इस साल मार्च में महिला अपने पति के साथ बाइक पर सवार होकर कहीं जा रही थी, तभी आवारा कुत्तों के झुंड ने उस पर हमला कर दिया। हमले में महिला के पैर में गंभीर घाव हुए। याचिकाकर्ता प्रियंका राय ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के 2023 के मुआवजा फार्मूले के आधार पर 20 लाख रुपये की मांग की है। इस फार्मूले के तहत अगर कुत्ते के काटने से खाल के साथ मांस भी निकल जाए, तो 0.2 सेंटीमीटर के घाव पर कम से कम 20,000 रुपये का मुआवजा तय किया गया। वहीं, हर दांत के निशान के लिए न्यूनतम 10,000 रुपये का मुआवजा निर्धारित किया गया था। प्रियंका राय ने कोर्ट में कहा कि उनके पैर में 12 सेंटीमीटर लंबा घाव हुआ था। इस हिसाब से उन्हें लगभग 12 लाख रुपये का हर्जाना मिलना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने दावा किया है कि उनके पैर पर कुत्ते के सभी 42 दांतों के निशान पड़े थे, जिसके लिए उन्होंने 4.2 लाख रुपये अतिरिक्त मांगे हैं। मानसिक और भावनात्मक आघात के लिए उन्होंने 3.8 लाख रुपये का मुआवजा जोड़ा है। इस तरह कुल राशि 20 लाख रुपये होती है। दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस मिनी पुष्कर्णा की बेंच ने एमसीडी को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि नगर निगम को बताना होगा कि राजधानी में आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं और पीड़ितों को मुआवजा देने की क्या व्यवस्था है। गौरतलब है कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस विनोद एस। भारद्वाज ने 2023 में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था, जिसमें कुत्ते या अन्य जानवरों के हमले से हुए नुकसान के लिए मुआवजे की गणना का फार्मूला तय किया गया था। यह फैसला 193 याचिकाओं की सुनवाई के बाद आया था, जिनमें कुत्ते, गाय, गधे और अन्य जानवरों के हमले से जुड़े मामले शामिल थे। दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई जल्द होगी। अदालत ने कहा कि यह सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा से जुड़ा बड़ा मुद्दा है, और नगर निगम को इस पर ठोस कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसे हादसे दोबारा न हों। अजीत झा/देवेन्द्र/नई दिल्ली/ ईएमएस/06/नवंबर/2025