व्यापार
07-Nov-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत तेल के भंडार (ऑयल रिजर्व) को मजबूत करने जा रहा है क्योंकि जल्दी ही तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं। जून में कच्चा तेल 76 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया था। अब ग्लोबल तेल मार्केट में नई उथल-पुथल की आशंका है। बड़े तेल प्रड्यूसर ग्रुप से आपूर्ति कम हो रही है और अमेरिका रूस की बड़ी कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंध लगा रहा है। ऐसे में भारत अपनी एनर्जी सेविंग को और मजबूत करने की तैयारी कर रहा है। मई में तेल की कीमत चार साल के निचले स्तर 60 डॉलर प्रति बैरल पर थी। जून में यह ऊपर चढ़ गई। ब्रेंट क्रूड अभी 65 डॉलर प्रति बैरल से नीचे कारोबार कर रहा है। कीमतें कम हैं तो भारत मौके का फायदा उठाकर अपने रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार को भरना और बढ़ाना चाहता है। संसद की एक समिति की रिपोर्ट में यह बात कही गई है कि अक्टूबर 2024 तक भारत के भंडार की क्षमता 5.3 मिलियन टन है लेकिन अंडरग्राउंड कैवरन में सिर्फ 3.6 मिलियन टन तेल भरा हुआ है। भारत में अभी तीन जगहों पर तेल रखा जाता है। दो और नई जगहें बनाने की योजना है जिससे भंडार दोगुने से ज्यादा हो जाएंगे। पेट्रोलियम मंत्रालय और आईएसपीआरएल ने फिलहाल इस पर कोई जानकारी नहीं दी है। सतीश मोरे/07नवंबर ---