- प्रत्येक मामले को संबंधित संस्था की योग्यता के आधार पर देखा जाना चाहिए मुंबई (ईएमएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय बैंक सतर्कता के साथ कदम उठा रहा है, लेकिन हाल ही में बैंकों पर लागू नियमों में ढील देना जरूरी था। उन्होंने स्पष्ट किया कि जबकि आरबीआई सावधानी बरत रहा है, उसे साहस दिखाने की भी आवश्यकता है। मल्होत्रा ने कहा कि अल्पकालिक वृद्धि के पीछे भागते हुए वित्तीय स्थिरता से समझौता करना दीर्घकालिक विकास पर नकारात्मक असर डाल सकता है। मल्होत्रा ने यह भी कहा कि बैंकों पर अधिक जिम्मेदारियां उनके बेहतर प्रदर्शन और कामकाज के कारण हैं। उन्होंने जोर दिया कि केंद्रीय बैंक सूक्ष्म प्रबंधन नहीं करना चाहता और किसी भी नियामक का उद्देश्य बोर्ड रूम के निर्णयों को प्रभावित करना नहीं होना चाहिए। प्रत्येक मामले को संबंधित संस्था की योग्यता के आधार पर देखा जाना चाहिए। आरबीआई ने पिछले महीने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें बैंकों को घरेलू अधिग्रहणों के लिए धन उपलब्ध कराना और रियल एस्टेट क्षेत्र को विदेशी उधारी लेने की अनुमति देना शामिल है। मल्होत्रा ने स्पष्ट किया कि यह उधारी केवल एफडीआई मानदंडों के अनुरूप परियोजनाओं के लिए होगी और सट्टेबाजी या भूमि खरीद के लिए नहीं। आरबीआई नियम बनाने की प्रक्रिया को खुला, आंकड़ों और साक्ष्यों पर आधारित बनाने का प्रयास कर रहा है। मल्होत्रा ने कहा कि सार्वजनिक परामर्श और नीतियों के प्रभाव का मूल्यांकन करके ही कदम उठाए जाएंगे। सतीश मोरे/07नवंबर ---