राज्य
09-Nov-2025
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रायपुर(ईएमएस)। खारून नदी स्थित रेलवे ब्रिज पर चलती ट्रेन में सेल्फी लेना एक युवती को भारी पड़ गया। संतुलन बिगड़ने से वह नीचे ट्रैक पर गिर गई और सिर में गंभीर चोट लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसा रात में हुआ, लेकिन पुलिस को दूसरे दिन सुबह ट्रैक के किनारे रक्तरंजित शव पड़े होने की जानकारी मिली। तीन दिनों तक शव की पहचान नहीं हो पाने पर पुलिस ने मृतका को लावारिस मानते हुए दफन करा दिया। हैरानी की बात यह है कि पुलिस ने शव मिलने की सूचना मीडिया तक नहीं पहुंचाई, जिससे युवती की पहचान की संभावना भी खत्म हो गई। सूत्रों के अनुसार, यह घटना बीते तीन नवंबर की है। शव की पहचान में नाकामी के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया। सवाल यह भी उठ रहा है कि पुलिस ने मृतका की तस्वीर या जानकारी सार्वजनिक कर उसकी पहचान कराने की कोशिश क्यों नहीं की। गौरतलब है कि इससे पहले भी ऐसा ही मामला सामने आ चुका है। करीब पांच महीने पहले आमानाका इलाके में नाले में मृत मिले शंकरनगर निवासी इंजीनियर मृणाल (41 वर्ष) का भी पुलिस ने लावारिस के रूप में अंतिम संस्कार करा दिया था। जबकि सिविल लाइंस थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पहले से दर्ज थी। दोनों थानों के बीच समन्वय के अभाव में उसकी पहचान नहीं हो सकी थी। रिश्तेदारों को मृणाल की मौत की जानकारी चार दिन पहले ही मिली। दोनों घटनाएं पुलिस की लापरवाही और समन्वय की कमी पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं।