अंतर्राष्ट्रीय
12-Nov-2025
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कहा- अमेरिका को चाहिए टैलेंट, सिर्फ बेरोजगारों पर निर्भर नहीं रह सकते वॉशिंगटन (ईएमएस)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने अब तक के सख्त रुख से पीछे हटते हुए कहा है कि देश को विदेशी कुशल लोगों की जरूरत है। उन्होंने माना कि अमेरिका केवल लंबे समय से बेरोजगार बैठे लोगों पर निर्भर रहकर अपनी इंडस्ट्री और टेक्नोलॉजी को आगे नहीं बढ़ा सकता। एक समाचार चैनल को दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को अपने उद्योगों और रक्षा क्षेत्र में विशेषज्ञता वाले लोगों की जरूरत है। उन्होंने कहा, मैं सहमत हूं कि हमें अमेरिकी मजदूरों की तनख्वाह बढ़ानी चाहिए, लेकिन हमें यह टैलेंट भी लाना होगा। अमेरिका को दुनिया में आगे बनाए रखने के लिए ये जरूरी है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने सितंबर महीने में एक आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके बाद एच-1बी वीजा आवेदन की फीस में बड़ा इजाफा किया गया। अब नए वीजा के लिए 1,500 डॉलर की जगह 1 लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 83 लाख रुपये) फीस देनी होगी। यह नियम 21 सितंबर के बाद दाखिल किए गए सभी नए आवेदन या 2026 की वीजा लॉटरी में शामिल होने वालों पर लागू होगा। हालांकि, जो लोग पहले से वीजा पर हैं या जिनके आवेदन पहले दिए गए हैं, वे इस नए नियम से प्रभावित नहीं होंगे। हर व्यक्ति को नहीं सिखाया जा सकता मिसाइल बनाना जब इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि अमेरिका में पहले से काफी प्रतिभाशाली लोग हैं, तो ट्रंप ने कहा, नहीं, ऐसा नहीं है। कुछ खास स्किल्स ऐसी हैं जो हमारे पास नहीं हैं। आप बेरोजगारों को सीधा नहीं कह सकते कि चलो, अब मिसाइल बनाना सीखो। उन्हें ट्रेनिंग और अनुभव चाहिए। राष्ट्रपति ट्रंप ने जॉर्जिया राज्य का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां एक ह्युंडई बैटरी फैक्ट्री में जब दक्षिण कोरिया से आए कुशल मजदूरों को वापस भेजा गया, तो उत्पादन में भारी दिक्कतें आईं। उन्होंने कहा कि बैटरियां बनाना बहुत जटिल और खतरनाक काम है। कई विस्फोट की घटनाएं होती हैं। कोरिया से आए लोग इस काम में माहिर थे और वहीं से अमेरिकी कर्मचारियों को सिखा रहे थे। जब उन्हें भेज दिया गया, तो पूरी व्यवस्था ठप हो गई। ट्रंप रुख में बदलाव के संकेत अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान उनके पुराने रुख से बिल्कुल अलग माना जा रहा है। पहले ट्रंप विदेशी कामगारों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते रहे हैं और कहते थे कि इससे अमेरिकी नौकरियां छिनती हैं। लेकिन अब उन्होंने खुद कहा है कि देश में ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित करने में कई साल लगेंगे। तब तक हमें विशेषज्ञों को लाना ही होगा।