लेख
13-Nov-2025
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- जल्द ही भारतीय मुझसे प्यार करेंगे ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रुख अब भारतीयों के प्रति नरम पड़ता दिखने लगा है। यह परिवर्तन एक झटके में देखने को मिला है। जब न्यूयॉर्क के मेयर पद पर भारतीय मूल के जोहरान ममदानी के चुने जाने पर उन्होंने जिस तरह से ट्रंप को अमेरिका में चुनौती दी है। उसके कारण ट्रंप को अपने रूप में बदलाव लाना पड़ा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले 10 महीने में भारतीयों को प्रताड़ित करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। टैरिफ में भी भारत को सबसे पहले निशाने पर लिया। ट्रंप ने अवैध भारतीय प्रवासियों को अमेरिका से निकालते वक्त हथकड़ी और बेड़ी पहनाकर भारत वापस भेजा था। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी उन्होंने नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ा। ऑपरेशन सिंदूर के समय भी उन्होंने भारत के प्रति जो रुख इख्तियार किया था, वह एक तरह से भारत को नीचा दिखाने वाला काम ही था। न्यूयॉर्क सहित दो अन्य राज्यों में जिस तरह से ट्रंप को पराजय का सामना करना पड़ा है, उसके बाद ट्रंप को समझ आ गया है, कि भारत के खिलाफ वह जो कार्रवाई कर रहे हैं। वह अमेरिका के लिए हितकारी नहीं है। जिस तरह से न्यूयॉर्क के मेयर ने चुने जाने के तुरंत बाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और भारत की नीतियां जिसमें समाजवाद, साम्यवाद और पूंजीवाद तीनों शामिल था उसके आधार पर अमेरिका के नागरिकों को अधिकार देने की बात कही। उनकी समस्याओं को हल करने के लिए कहा। उसके बाद से ही ट्रंप के रुख में परिवर्तन आना शुरू हो गया। ट्रंप ने दो हफ्ते में दूसरी बार ट्रेड डील और टैरिफ को कम करने के बारे में बयान दिया है। हाल ही में व्हाइट हाउस में भारत में अमेरिकी राजदूत सर्गियों गौर के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के साथ बेहतर संबंध बनाने की बात कही। ट्रंप ने कहा, भारत कभी भी अमेरिका के कंज्यूमर प्रोडक्ट का बाजार नहीं रहा है। अमेरिका खुद चीन से कंज्यूमर प्रोडक्ट मांगता है। ऐसी स्थिति में हम भारत के साथ जल्द ही ऐसे संबंध स्थापित कर रहे हैं जिसे भारतीय मुझसे फिर प्यार करने लगेंगे। भारत की तारीफ करते हुए ट्रंप यहां तक कह दिया कि दुनिया की सबसे तेज आर्थिक गति से बढ़ता हुआ मध्यम वर्गी देश है। हिंद प्रशांत सागर क्षेत्र में अमेरिका का एक महत्वपूर्ण आर्थिक एवं सामरिक साझेदार है। ऐसी स्थिति में अमेरिका के संबंध भारत से बहुत बेहतर होने जा रहे हैं। पिछले 10 महीने में जो तनाव देखने को मिला था वह जल्दी ही दूर हो जाएगा। एक बार फिर भारत और अमेरिका के बीच प्यार परवान चढ़ेगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का जो नजरिया बदला है, उससे भारत की मुसीबतें कम होंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस रुख से एक बड़ी राहत मिलती हुई नजर आ रही है। भारतीय प्रवासियों एवं छात्रों के लिए जिस तरह की नीतियां अमेरिका ने बनाई थीं उसमें भारी शुल्क लगाया था। तरह-तरह की शर्तें लगाई गईं थीं। निश्चित रूप से उसमें अब भारत को राहत मिलेगी। भारत और अमेरिका के एक बार फिर बेहतर संबंध स्थापित होंगे। अमेरिका में रह रहे भारतीय छात्रों तथा अमेरिका में जो प्रवासी भारतीय काम कर रहे हैं उन्हें भी ट्रंप के इस बदले हुए रुख से राहत मिलेगी। ट्रंप ने जो कहा है, यदि वास्तव में वह भारत के प्रति इस तरह का रुख बदलेंगे तभी इस पर विश्वास होगा। जिस तरह से पिछले 10 माह में ट्रंप पहले कोई बात कहते हैं। बाद में मुकर जाते हैं, जिसके कारण उन्हें बहुत गंभीर व्यक्ति नहीं माना जा रहा है। अमेरिका में जो बदलाव देखने को मिले, 40 दिन से अधिक शटडाउन लगा रहा। अब जाकर अमेरिकी सीनेट ने बजट पास किया और राष्ट्रपति ट्रंप ने इस पर साइन किए हैं। इससे पहले लाखों लोग नौकरी से बाहर हो गए। अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डोनाल्ड ट्रंप की छवि लगातार खराब हो रही थी, जिसे देखते हुए ट्रंप में जो बदलाव देखने को मिल रहा है वह समय की मांग है। 27 नवंबर से अमेरिका में थेंक्स गिविंग फेस्टिवल शुरू हो जाता है। छुट्टियां शुरू हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में इस माह के अंत तक या अगले साल की जनवरी माह तक अमेरिका से भारत को बड़ी राहत मिल सकती है। अमेरिका के लिए भारत एक महत्वपूर्ण देश है। भारत के माध्यम से एशिया महाद्वीप में बेहतर संतुलन बनाने के लिए अमेरिका को भारत की जरूरत है। देर आयद, दुरुस्त आयद की तर्ज पर ट्रंप यदि अपनी बातों पर कायम रहे तो निश्चित रूप से भारत के साथ अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप के संबंध बेहतर होंगे। यही दोनों देशों के हित में है। दोनों देश के राष्ट्राध्यक्ष, ट्रंप और मोदी एक दूसरे को सबसे अच्छा दोस्त बताते हैं। अब दोनों को यह साबित करने का एक नया मौका होगा। ईएमएस / 13 नवम्बर 25