क्षेत्रीय
17-Nov-2025
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कोरबा (ईएमएस) प्रदेश में अब रेत खदानों का आबंटन नई नीति के तहत ई-नीलामी के जरिए हो रहा है। इसके पहले चरण में जिले में 2 खदानों का आबंटन हुआ है। पर्यावरणीय स्वीकृति व एनओसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बाकी खदानों की नीलामी होगी। कोरबा जिले में पहले से 20 रेत खदानें हैं। नगरीय निकाय क्षेत्र के रेत खदानों का संचालन नगर पालिका व ग्रामीण क्षेत्र के खदानों का संचालन ग्राम पंचायत के माध्यम से हो रहा है। वहीं इस बार प्रदेश सरकार ने नई नीति-2025 लाते हुए ई-नीलामी (रिवर्स ऑक्शन) से रेत खदानों का आबंटन व्यवस्था शुरू की है। इसके तहत प्रदेश में पहले चरण में पर्यावरणीय स्वीकृति व एनओसी की प्रक्रिया पूरी कर चुके रेत खदानों की ई-नीलामी की गई। कोरबा में 33 नई खदानें खुलेंगी, जिसमें से 2 ही खदान तरईमार व सिर्री की ई-नीलामी हुई है। करतला विकासखंड में स्थित तरईमार खदान दुर्गाचरण बारिक व सिर्री खदान निर्मल दास को आबंटित हुआ है। आगे 31 खदानों की ई-नीलामी बाकी है, जिनके लिए पर्यावरणीय स्वीकृति व सभी विभागों से एनओसी लेने की प्रक्रिया में खनिज विभाग की टीम जुटी है। विभाग के मुताबिक जैसे-जैसे नई रेत खदानों के लिए स्वीकृति व एनओसी की प्रक्रिया पूरी होते जाएगी। आगे के चरणों में उनकी ई-नीलामी होगी। जिले में पुरानी नीति से चल रहे रेत खदानों का क्षेत्रफल कम होने के कारण ज्यादा मात्रा में रेत खनन नहीं हो पाने की वजह से शहरी क्षेत्र में रेत की सप्लाई ट्रैक्टर के माध्यम से ही हो रही थी। इससे रेत की किल्लत रहती है, लेकिन नई नीति में 3 बड़ी खदान स्वीकृत हुई है, जिसमें से एक तरईमार (करतला) खदान भी है, जो 5 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में है। इस तरह अब तरईमार खदान से शहर तक बड़ी वाहनों में रेत सप्लाई होने से रेत की किल्लत दूर होगी। बची खदानों की ई-नीलामी अगले चरण में की जाएगी जिला खनिज अधिकारी प्रमोद नायक के मुताबिक नई नीति के तहत जिले में स्वीकृत 33 नई रेत खदानों में 2 खदान तरईमार और सिर्री की ई-नीलामी (रिवर्स ऑक्शन) के माध्यम से आवंटन हुआ है। बाकी अन्य खदानों की ई-नीलामी आगे के चरणों में होगी, जिसके लिए प्रक्रिया जारी है।