क्षेत्रीय
17-Nov-2025
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- प्रवेश में केवल बीएससी नर्सिंग की काउंसलिंग होना छात्रों के साथ अन्याय है-एनएसयूआई - संगठन ने कही आंदोलन के साथ ही दी कोर्ट में याचिका दायर करने की बात भोपाल(ईएमएस)। मध्यप्रदेश में नर्सिंग प्रवेश प्रक्रिया को लेकर जारी विवाद पर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने आपत्ति जताते हुए इसे छात्रहित के विपरीत, पक्षपातपूर्ण एवं संदिग्ध निर्णय बताया है। एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एवं आयुक्त को शिकायत कर तुरंत ही हस्तक्षेप की मांग की है। परमार ने बताया कि सितंबर और अक्टूबर माह में बीएससी नर्सिंग, जीएनएम‌, पीबीबीएससी‌, एमएससी नर्सिंग सहित सभी नर्सिंग कोर्सों के लिए प्रथम एवं द्वितीय चरण की काउंसलिंग समान रूप से आयोजित की गई थी, लेकिन अब विभाग द्वारा 17 नवंबर से शुरू होने वाली तीसरे चरण की काउंसलिंग केवल बीएससी नर्सिंग तक सीमित कर दी गई है। इससे हजारों विद्यार्थी, जो अन्य कोर्सों में प्रवेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं, तीसरे चरण के अवसर से वंचित हो रहे हैं। एनएसयूआई ने इसे न केवल एकपक्षीय निर्णय बताते हुए निम्न गंभीर प्रश्न उठाए हैं। * क्या सभी कोर्सों के लिए एक समान काउंसलिंग प्रक्रिया नहीं होनी चाहिए। * अन्य कोर्सों को तीसरे चरण से बाहर रखने का क्या औचित्य है। * क्या यह निर्णय निजी नर्सिंग कॉलेज संचालकों को अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लिया गया है। एनएसयूआई जिलाध्यक्ष अक्षय तोमर ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह निर्णय छात्रहित के बजाय निजी कॉलेजों के हितों को प्राथमिकता देता है, जिससे न केवल प्रवेश प्रक्रिया की पारदर्शिता प्रभावित होती है, बल्कि हजारों योग्य छात्रों को भी नुकसान पहुंचता है। एनएसयूआई ने तीसरे चरण की काउंसलिंग सभी नर्सिंग कोर्सों के लिए तत्काल घोषित करने, प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी एवं समान अवसर के आधार पर संचालित करने, ऐसे अधिकारियों-संस्थानों की जांच करने जिनके दबाव में यह एकपक्षीय निर्णय लिया गया है, और दोषियों पर कार्रवाई किये जाने की मांग की है। संगठन ने विभाग द्वारा शीघ्र सकारात्मक निर्णय नहीं लेने पर कोर्ट में याचिका दायर करने सहित उग्र प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। जुनेद / 17 नवंबर