18 नवम्बर, जन्मदिन पर विशेष) बालाघाट-मध्यप्रदेश की राजनीति में यदि किसी नेता ने लंबे समय तक जनमानस पर गहरी छाप छोड़ी है, तो उनमें कमलनाथ का नाम सबसे ऊपर दर्ज होता है। आदिवासी बहुल जिला छिंदवाड़ा, जिसे वर्षों से कांग्रेस का अजेय किला कहा जाता है, कमलनाथ की राजनीतिक यात्रा का केंद्र रहा है। वर्ष 1980 में सक्रिय राजनीति में कदम रखने के बाद कमलनाथ ने न केवल जिले बल्कि पूरे प्रदेश की राजनीति में अपनी मजबूत पकड़ बनाई। नौ बार लोकसभा का प्रतिनिधित्व, दो बार विधायक, तीन बार केंद्रीय मंत्री और 15 माह तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल उनके प्रभाव, कार्यकुशलता और जनता के बीच गहरी संपृक्ति को दर्शाता है। छिंदवाड़ा में कमलनाथ की लोकप्रियता उनकी विकासपरक राजनीति का परिणाम है। उन्होंने यहां उद्योग, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और शहरी विकास को नए आयाम दिए। उनकी पहल पर स्थापित शैक्षणिक संस्थान, मेडिकल कॉलेज, उन्नत सड़कें, रेलवे से जुड़ी सुविधाएं और रोजगार उन्मुख परियोजनाओं ने छिंदवाड़ा को प्रदेश के सबसे विकसित जिलों की कतार में ला खड़ा किया। स्थानीय जनता उन्हें ‘विकास पुरुष’ की उपाधि से सम्मानित करती है। यही कारण है कि यहां से न केवल कमलनाथ, बल्कि उनकी पत्नी और पुत्र भी सांसद पद पर विजयी होते रहे हैं। कमलनाथ ने अपनी राजनीतिक यात्रा में एक अलग आभा मंडल निर्मित किया है। उनकी रणनीतिक समझ, संगठनात्मक पकड़ और राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत पहचान उन्हें कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में शामिल करती है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा उन्हें “तीसरा पुत्र” कहकर संबोधित किया जाना भी उनके प्रति विश्वास और निकटता का प्रमाण है। कमलनाथ ने राष्ट्रीय राजनीति में भी उद्योग, पर्यावरण और वाणिज्य जैसे मंत्रालयों में महत्वपूर्ण योगदान दिया जिससे देश की आर्थिक नीतियों में उनकी छाप स्पष्ट दिखी। छिंदवाड़ा कमलनाथ के लिए केवल राजनीतिक क्षेत्र नहीं रहा, बल्कि भावनाओं, संबंधों और जनसेवा का आधार रहा है। यहां की जनता ने हमेशा उनकी नेतृत्व क्षमता पर भरोसा जताया है। इसके बदले कमलनाथ ने भी विकास और सुशासन को सर्वोपरि रखते हुए जिले को एक मॉडल के रूप में विकसित किया। अब राजनीतिक चर्चा का केंद्र उनके पुत्र नकुल नाथ हैं, जो कमलनाथ की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए सक्रिय हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या नकुल नाथ भी पिता की तरह छिंदवाड़ा में उतनी ही लोकप्रियता और प्रभाव स्थापित कर पाते हैं या नहीं। राजनीति में अपनी अलग पहचान और आभा मंडल तैयार करना समय, कार्य और जनता के विश्वास पर निर्भर करता है, और आने वाले वर्षों में यह स्पष्ट होगा कि नकुल नाथ इस कसौटी पर कितने खरे उतरते हैं। लगभग 45 वर्षों से राजनीति में सक्रिय कमलनाथ आज भी प्रदेश कांग्रेस की राजनीति के एक स्तंभ हैं। उनका अनुभव, नेतृत्व और छिंदवाड़ा के प्रति समर्पण उन्हें छिंदवाड़ा की राजनीति का ध्रुवतारा बनाता है। उनकी भूमिका और योगदान आने वाले समय में भी कांग्रेस की राजनीति को दिशा देते रहेंगे। (यह लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं इससे संपादक का सहमत होना अनिवार्य नहीं है) .../ 17 नवम्बर/2025