राज्य
17-Nov-2025


नई दिल्ली (ईएमएस)। क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने राजधानी में तेजी से फैल रहे ‘डिजिटल अरेस्ट’ फ्रॉड मॉड्यूल पर बड़ी कार्रवाई करते हुए छह आरोपियों मोहम्मद ओवैस, विशाल तिवारी, शकील अहमद, मोहम्मद अहद, मोहम्मद आतिफ और मोहम्मद उज्जैब को गिरफ्तार कर लिया है। यह पूरा गैंग संगठित तरीके से बुजुर्गों और महिलाओं को निशाना बनाकर सरकारी एजेंसियों के नाम पर डर पैदा करता था और घंटों तक वर्चुअल कस्टडी में रखकर लाखों रुपये ठग लेता था। शिकायत के मुताबिक, आरोपियों ने 71 वर्षीय महिला को लगभग 24 घंटे वीडियो कॉल पर रखकर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया और उनसे 49 लाख रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर करा लिए। जांच के अनुसार, गैंग का तरीका हमेशा एक जैसा रहता था फर्जी कॉल, किसी केंद्रीय एजेंसी का झूठा परिचय, बैंक खातों में संदिग्ध गतिविधियां दिखाने का बहाना, गिरफ्तारी का डर और घंटों तक वीडियो कॉल पर पूछताछ जैसा माहौल। पीड़ित को इतना डरा दिया जाता था कि वह विरोध करने की स्थिति में नहीं रहती। महिला ने भी इसी लगातार डर और दबाव में 49 लाख रुपये अलग-अलग खातों में भेज दिए, जिन्हें बाद में गैंग के सदस्य एटीएम के जरिये तुरंत निकाल लेते थे ताकि पैसा ट्रेस न हो सके। साइबर सेल की टीम इंस्पेक्टर सुभाष चंद्र की अगुवाई में।एसआई जगसीर सिंह, हेड कांस्टेबल मोहित मलिक और हेड कांस्टेबल गौरव के साथ तकनीकी निगरानी में जुटी हुई थी। इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और बैंकिंग डिटेल से मिली जानकारी के आधार पर टीम ने लखनऊ के अमीनाबाद, हसनगंज, मड़ेगंज और सदर कैंट क्षेत्रों में एक साथ छापेमारी की और गैंग के सभी छह सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह गरीब और बेरोजगार युवकों को बहला-फुसलाकर उनसे म्यूल बैंक अकाउंट खुलवाता था। बाद में इन्हीं खातों में ठगी का पैसा डलवाया जाता था, जिसे गैंग कई परतों में घुमाकर नकद में बदल देता था। यह पूरा नेटवर्क इस तरह काम करता था कि रकम का स्रोत पकड़ना बेहद मुश्किल हो जाता था। कई खातों के जरिये पैसे को लगातार ट्रांसफर कर तेजी से कैश आउट कर दिया जाता था। जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी पीड़ित को वीडियो कॉल पर घंटों तक जांच के नाम पर बैठे रहने को मजबूर करते थे, ताकि वह किसी पर भरोसा न कर सके और न ही परिवार को जानकारी दे पाए। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि गैंग ने कितने और लोगों को इसी तरीके से निशाना बनाया है। कई शिकायतें राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल पर दर्ज मिली हैं, जिनकी जांच समानांतर रूप से की जा रही है। अजीत झा/देवेन्द्र/नई दिल्ली/ ईएमएस/17/नवंबर/2025