क्षेत्रीय
18-Nov-2025
...


- चंद्रगिरि डोंगरगढ़ में 36 भाषाओं में महाविधान की तैयारी तेज डोंगरगढ़ (ईएमएस)। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले स्थित प्रतिष्ठित श्री दिगंबर जैन तीर्थ चंद्रगिरि डोंगरगढ़ में 17 नवंबर को भव्य आध्यात्मिक कार्यक्रम के तहत मांगलिक क्रियाएं संपन्न हुईं। कार्यक्रम का संचालन आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्यों मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज, मुनि श्री भाव सागर जी महाराज, आर्यिका श्री आदर्श मति माताजी, आर्यिका श्री संवर मति माताजी, आर्यिका श्री विनीत मति माताजी तथा ब्रह्मचारी मनोज भैया जी (जबलपुर) के निर्देशन में हुआ। कार्यक्रम के दौरान मुनि संघ ने प्रतिभा स्थली, समाधि स्थल और हथकरघा परिसर का अवलोकन किया। इसके पश्चात आयोजित धर्मसभा में मुनि श्री भावसागर जी महाराज ने अपने प्रभावशाली प्रवचन से श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक उत्साह से भर दिया। उन्होंने पंच नमस्कार मंत्र की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि इस मंत्र के प्रभाव से सभी सिद्धियों की प्राप्ति संभव है और यह साधक को शाश्वत पद दिलाने वाला है। उन्होंने श्रीफल अर्पण की महत्ता बताते हुए कहा कि भगवान को श्रीफल चढ़ाने से एक राज्य की प्राप्ति के समान पुण्यफल मिलता है। उन्होंने कहा की “प्रभु के दरबार में कभी खाली हाथ न जाएं। प्रतिदिन श्रीफल अर्पित करना श्रेष्ठ है, यदि संभव न हो तो सप्ताह या मास में भी अर्पण किया जा सकता है। भगवान को जो भी चढ़ाते हैं, उससे कहीं अधिक प्राप्त होता है। फल चढ़ाने से मोक्ष फल की प्राप्ति होती है।” 18 नवंबर को प्रातः 8 बजे समाधिस्थ परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चरण चिह्नों की प्रतिष्ठा भव्य रूप से की गई। दोपहर 1 बजे से एक अद्वितीय और विश्व-प्रथम का आयोजन हुआ।