मुंबई (ईएमएस)। बॉलीवुड में गायिका एवं अभिनेत्री रागेश्वरी लूंबा ने अपनी एक अलग पहचान स्थापित की है। रागेश्वरी लूंबा न केवल अपनी एक्टिंग बल्कि मधुर आवाज से भी फैंस को दीवाना बनाया। इस सिंगर का जन्म एक संगीत परिवार में हुआ। उनके पिता, नेशनल अवॉर्ड विजेता संगीतकार त्रिलोक सिंह लूंबा, ने उन्हें बचपन से ही संगीत की शिक्षा दी। छोटी उम्र से ही रागेश्वरी स्टेज पर गाने लगीं और पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने मॉडलिंग से अपने करियर की शुरुआत की। रागेश्वरी को बॉलीवुड में पहला बड़ा ब्रेक 1993 में आई फिल्म आंखें से मिला, जिसमें उन्होंने अक्षय कुमार और चंकी पांडे के साथ काम किया। इसके बाद उन्होंने 1994 में मैं अनाड़ी तू खिलाड़ी और दिल कितना नादान जैसी फिल्मों में अभिनय किया। साल 2002 में वे तुम जियो हजारों साल में भी नजर आईं। रागेश्वरी ने केवल अपनी एक्टिंग से ही नहीं बल्कि अपनी आवाज से भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। 22 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला पॉप एल्बम दुनिया रिलीज किया, जो बेहद लोकप्रिय हुआ। इसके बाद 1997 में एल्बम वाई टू के और कई हिट गाने जैसे प्यार का रंग, रफ्तार, चाहत और कुड़ी ए पंजाब दी उन्होंने दिए। उनकी मधुर आवाज और परफॉर्मेंस ने उन्हें उस दौर का सबसे पसंदीदा पॉप आइकॉन बना दिया। हालांकि, 1993 में उन्हें दुर्लभ बीमारी बेल्स पाल्सी हो गई, जिससे उनका मुंह और गला प्रभावित हो गया। डॉक्टर्स ने कहा था कि वे कभी गा नहीं पाएंगी। इसके बावजूद रागेश्वरी ने हार नहीं मानी और पूरी मेहनत से बीमारी पर काबू पाया। उन्होंने अपने करियर को फिर से संभाला और दर्शकों के सामने अपनी कला का जादू बरकरार रखा। आज रागेश्वरी फिल्मों से दूर हैं और अपने परिवार के साथ समय बिता रही हैं। साथ ही वे सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को मानसिक स्वास्थ्य, ट्रामा और दुर्लभ बीमारियों के बारे में जागरूक कर रही हैं। सुदामा/ईएमएस 19 नवंबर 2025