कलेक्ट्रेट का घेराव कर माँग पत्र सौपा।संजय पाठक मुर्दाबाद के लगे जमकर नारे। कटनी (ईएमएस)। प्रदेश के बहुचर्चित आदिवासी ज़मीन घोटाले के विरोध में विभिन्न आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधियों ने विधायक संजय पाठक द्वारा अपने चार गरीब आदिवासी कर्मचारियों को मोहरा बनाकर कटनी,जबलपुर,उमरिया,सिवनी,डिंडोरी,जिलों में बेनामी संपत्ति आदिवासियों के हित का हनन कर खरीदी है।उक्त मामले पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग दिल्ली भी कर रहा है एवं पाँच जिला कलेक्टरों को नोटिस जारी किया है।जिला स्तर पर पांच माह पूर्व दस्तावेजी शिकायत देने के बाद भी जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन का रवैया उदासीन है,जिसके विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया गया।प्रदर्शनकारियों ने सभी चार आदिवासी कर्मचारियों (नत्थू कोल, प्रहलाद कोल, राकेश सिंह गोंड़ एवं रघुराज सिंह गोंड़) के बैंक खातों के पिछले 25 वर्षों के लेनदेन की जाँच की पर ज़ोर डाला।शिकायतकर्ता दिव्यांशु मिश्रा अंशु ने बताया की चार माह पूर्व की गई शिकायत पर पुलिस ने शिकायतकर्ता के बयान के अतिरिक्त कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की है जिला प्रशासन द्वारा आज दिनांक तक आदिवासियों के खातों की जानकारी नहीं एकत्र नहीं की आरोप है की संजय पाठक की पारिवारिक कंपनियों ने आदिवासियों को मोहरा बनाकर अपनी फ़र्मो से ग़रीबी रेखा के नीचे जीवन यापन वाले ग़रीब आदिवासियों के खातों में करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन कर बेनामी संपत्ति का खेल खेला है।बिना खातों की जानकारी निकले बिना मामले की पारदर्शी तरीके से जांच नहीं हो सकेगी,पुलिस अधीक्षक द्वारा नियुक्त जांच अधिकारी द्वारा दबाव में आकर समस्त कार्यवाही को ठंडे बस्ते में डाल रखा है।प्रदर्शनकारियों ने मांग की है की आदिवासी ज़मीन घोटाले के मास्टरमाइंड संजय पाठक पर एफ़आईआर दर्ज की जाये।साथ ही जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा दोषियों के विरुद्ध अविलंब कठोर और निष्पक्ष कार्यवाही अगर जिला प्रशासन ऐसा नहीं करता तो समस्त आदिवासी संगठन आदिवासी समाज के हितों को बचाने के लिये कोर्ट की शरण लेने के लिये मजबूर होंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।जयस एवं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी समेत अनेकों आदिवासी संगठाओं के पदाधिकारियों ने भी जिला प्रशासन के लाचार रव्वाइये के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद की।कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन के दौरान गोंडवाना गणतंत्र पार्टी जिला अध्यक्ष मनोज धुर्वे,सीपीएम रामनारायण कुररिया,युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मोहम्मद इसराइल,आदिवासी कांग्रेस जिला अध्यक्ष ओंकार सिंह,कमल पांडेय,शुभम मिश्रा,अजय खटिक,शशांक गुप्ता,अजय गोंटिया,जयस से विनोद मरावी,गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन से पूरण सिंह,दरयाब सिंह,सिंह सत्यन्द्र परते,अजय सिंह गौड़,राघवेंद्र सिंह,छात्रपाल मरावी,सागर मरावी,शंभु सिंह गौड़,नीलेंद्र परस्ते,गुलजार सिंह,अविराज सिंह,प्रदीप मरकाम,धीरेंद्र सिंह,मेवीलाल सिंह,विनोद सिंह,फग्गू सिंह गोंटिया समेत सैंकड़ों की संख्या में आदिवासी उपस्थित रहे। बैगा आदिवासियों की जमीन खरीदी में हुए प्रदेश के सबसे बड़े घोटाले को लेकर आज कटनी के कलेक्ट्रेट कार्यालय में जमकर हंगामा हुआ। आदिवासी जमीन घोटाले को लेकर मुख्य शिकायतकर्ता अंशु मिश्रा एवं जिले के विभिन्न आदिवासी संगठनों के साथ सैकड़ो की तादाद में मौजूद आदिवासियों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय के मुख्य द्वार पर खूब बवाल काटा। आदिवासियों की आवाज को बुलंद करने के लिए किए जा रहे आंदोलन की जानकारी लगते ही कलेक्ट्रेट कार्यालय में चौकसी बढ़ा दी गई थी। बड़े पैमाने पर यहां पर सुरक्षा व्यवस्था तैनात कर दी गई थी। भारी सुरक्षा के बीच मुख्य शिकायतकर्ता अंशु मिश्रा एवं आदिवासी संगठनों के पदाधिकारियो और बड़ी संख्या में पहुंचे आदिवासियों ने प्रदेश के सबसे बड़े आदिवासी जमीन घोटाले को लेकर जमकर नारे बाजी की। मध्य प्रदेश के सबसे रईस भाजपा विधायक संजय पाठक के चार आदिवासी कर्मचारियों के नाम पर खरीदी गई 1135 एकड़ जमीन की जांच को लेकर प्रशासनिक स्तर पर बरती जा रही लापरवाही के कारण आज आदिवासियों का आक्रोश भड़क गया। आक्रोश जताने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे आंदोलनकारियों ने कहा की विधायक संजय पाठक ने कटनी जिले के अपने चार आदिवासी कर्मचारियों को मोहरा बनाकर उनके नाम पर मध्यप्रदेश के डिंडोरी, जबलपुर, उमरिया, कटनी एवं सिवनी जिलों में गरीब बैगा आदिवासियों के साथ धोखाधड़ी कर अरबों रूपये कीमत की लगभग 1135 एकड़ जमीन खरीदी। इस पूरे मामले की शिकायत मय दस्तावेजों के पांच माह पूर्व किए जाने के बावजूद कटनी जिला प्रशासन एवं पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही। जिला प्रशासन आज तक चारों अदिवासियों नत्थू कोल, प्रहलाद कोल, राकेश सिंह गौड एवं रघुराज सिंह गौड के बयान दर्ज नहीं कर पाई। इतना ही नहीं जांच अधिकारियों ने उक्त चारों आदिवासियों के पिछले 25 वर्षों के बैंक खातों से किये गये लेन-देन की जानकारी भी एकत्रित नहीं की। शिकायत किए जाने के बाद मुख्य शिकायतकर्ता अंशु मिश्रा के भी बयान कटनी पुलिस ने दर्ज किया लेकिन बयान दर्ज करने के बाद कार्यवाही क्या की इस बात का पता आज तक नहीं लग पाया। कलेक्ट्रेट कार्यालय के मुख्य द्वार पर हंगामा करते हुए मुख्य शिकायतकर्ता अंशु मिश्रा सहित आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को चेतावनी भरे लहजे में कहा की यदि मध्य प्रदेश के सबसे बड़े आदिवासी जमीन घोटाले की जांच में लापरवाही बरती गई या फिर दोषियों को बचाने का प्रयास किया गया तो फिर ऐसा आंदोलन होगा जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकेगी। कलेक्ट्रेट कार्यालय के मुख्य द्वार पर आंदोलन कर आदिवासियों एवं मुख्य शिकायतकर्ता सहित अन्य प्रतिनिधियों को संभालने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। ईएमएस/19/11/2025