क्षेत्रीय
21-Nov-2025


भिलाई (ईएमएस)। महाबोधि महाविहार मुक्ति के लिए देशभर में बौद्ध समाज को एकजुट करने और धम्म के सार्वभौमिक संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से धम्म संवाद एवं महाधम्म ध्वज यात्रा का भव्य आयोजन पूरे देश में गत 12 फरवरी 2025 से किया जा रहा है इसी कड़ी में यह कार्यक्रम छत्तीसगढ में विगत 15 नवंबर से 22 नवंबर तक किया जा रहा है। यह कार्यक्रम महाबोधि महाविहार आंदोलन के जनसमर्थन को सशक्त और व्यापक बनाने हेतु आयोजित किया जा रहा है। उक्त जानकारी बौद्ध धर्म के भन्ते विनाचार्य जी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही। भन्ते विनाचार्य जे ने आगे बताया कि जिस प्रकार गुरूद्वारा गुरू में उनके समाज का गुरू साहेब, मस्जिद में मौलाना व चर्च में पादरी सब पूजा पाठ कराता है तो महाबोधि विहार में पंडा जी लोग क्यों करा रहे है। महाबोधि विहार को भी हम बौद्ध धर्म के लोगों को सौंप देना चाहिए। वहां का पूजा पाठ से लेकर सभी कार्यक्रम पंडा जी लोग करवाते है, ऐसा क्यों। पूर्व में पंडा जी और सनातन को मानने वालों द्वारा यह कहा गया है कि भगवान गौतम बुद्ध भगवान विष्ण के अवतार है लेकिन ऐसा नही है। हस सबकी मांग है कि बोधगया को बौद्ध समाज के लोगों को सौंपा जाये। इसके लिए हमने राष्ट्रपति, और पीएमओ कार्यालय में भी पत्र लिखा है और सुप्र्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर किये है। बौद्धगया को हम बौद्ध धर्म के लोगों को सौपा जाये। इसी के लिए हमारे समाज द्वारा पूरे देश में इस प्रकार का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। गत 12 फरवरी 2025 को बोधगया में महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन का ऐतिहासिक आगाज़ हुआ था तब से लेकर आज तक, अनेक कठिन परिस्थितियों और चुनौतियों का सामना करते हुए, यह आंदोलन पूरे देश में निरंतर गति पकड़ रहा है। समाज को जागरूक करने, एकजुटता स्थापित करने और महाबोधि महाविहार की स्वतंत्रता हेतु जनमानस में चेतना जगाने के उद्देश्य से देशभर में आंदोलन लगातार जारी है जो आगामी 12 फरवरी 2024 तक चलेगा। इसी कड़ी में 22 नवंबर को दुर्ग भिलाई क्षेत्र में भिक्षु संघ के मार्गदर्शन में एक विशाल धम्मध्वज रैली और धम्म संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। यह रैली पंचशील वुद्धबिहार उरला से दोपरह 2 बजे प्रारंभ होगी। इस ऐतिहासिक रैली में 500 मीटर का विशाल धम्म ध्वज निकाला जाएगा, जो भारतीय बौद्ध आंदोलन की एकता और शक्ति का प्रतीक बनेगा। यह रैलीे पंचशील वुद्ध विहार, कर्मचारी नगर दुर्ग, ग्रीन चौक, अग्रसेन चौक, इंदिरा मार्केट, कलेक्टर परिसर पहुंचेगी और वहां बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रैली का समापन होगा। वहंा जनसंवाद कार्यक्रम में रैली के बाद शाम 6 बजे अंबेडकर सांस्कृतिक भवन के लिए प्रस्थान करेगी। और यहां रैली पहुंचने के बाद आमसभा का आयोजन होगा। इस आमसभा में मुख्य अतिथि के रूप में कमल ताई, गवई, भंते विनाचार्य जी भिक्षु संघ उपस्थित रहेंगे। भंते विनाचार्य ने सभी आंबेडकरवादी बुद्धिस्ट संगठनों, धम्म अनुयाइयों और जागरूक नागरिकों से विशेष अपील की है कि आंदोलन के इस संघर्षपूर्ण दौर में अपना सहयोग दें, एकजुटता प्रकट करें और धम्मध्वज रैली में सम्मिलित होकर अपनी नैतिक जिम्मेदारी का निर्वहन करें। आपकी उपस्थिति आंदोलन को नई ऊर्जा और शक्ति प्रदान करेगी। एकजुट होकर धम्म, न्याय और सामाजिक समानता के इस आंदोलन को अभूतपूर्व शक्ति प्रदान करें। इस दौरान शक्य पुत्र राहुल, प्रियानंद, भंते अनुकीर्ति, भन्ते धम्मसार, डा.धम्म खम्मो सहित दुर्ग भिलाई के बैद्ध समाज के अन्य कई प्रतिष्ठित लोग उपस्थित थे। एक प्रश्र का उत्तर देते हुए भंते बिनाचार्य जी ने कहा कि बाबा बागेश्वर जो हिन्दु हिन्दु एक हो का कार्यक्रम चला रहे है। यह सफल नही होने वाला है, क्योंकि अपने आप को उच्च जाति का कहलाने वाले ये लोग वर्ण को मानते है, यदि हिन्दु हिन्दु को एक करना चाहते है तो सतानत धर्म का अधिक अनुयायी बनने वाले ब्राम्हण से लेकर अपने आप को उच्चजाति बताने वाले वर्ण भेद को मिटाकर हिन्दु के ही दलितों व अन्य नीचले जाति से अपने बेटे बेटियों की शादी करना प्रारंभ करे, वर्ण को छोड़कर अर्तजातीय विवाह को मान्यता दे, जो ये कर रनही सकते। ब्राहम्हण, राजपूत से लेकर उच्च जाति के कहलाने वाले लोग दलितों, हरिजनों सहित अन्य नीचले तबके के लोगों को मंदिर में प्रवेश नही करने देते, शादी के समय उनको घोडी पर नही चढते देते। इनके यहां खाना खाने व पानी पीने को छुआछूत मानते है। बाबाा बागेश्वर का हिन्दु हिन्दु एक हो का कार्यक्रम राजनीति से प्रेरित है, वे केवल वोट के लिए इस प्रकार का स्टंट कर रहे े है। केन्द्र सरकार ने चार साल से बंद कर दी है अल्पसंख्यकों की छात्रवृति:- केन्द्र सरकार पिछले चार साल से अल्पसंख्यकों की छात्रवृति बंद कर दी है जिसके कारण देश के अल्पसंख्यक समुदाय के लाखों बच्चों शिक्षा से वंचित हो रहे है। अल्पसंख्यकों का कल्याण न हो इसलिए केन्द्र सरकार ने पिछले चार साल से किसी को भी अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष नियुक्त नही कर रही है। केन्द्र सरकार जल्द अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति करें और अल्पसंख्यकों के कल्याण का कार्य करवाये। उन्होंने आगे कहा कि आज सबसे अधिक लोग धर्म परिवर्तन कर रहे है तो वह बौद्ध धर्म है, रिकार्ड के हिसाब से ढाई करोड लेकिन वास्तव में वर्तमान में करीब 25 करोड लोग बौद्ध धर्म के हो चुके है। चीन से लेकर कम से कम 10 देशों में बौद्ध धर्म को माना जाता है और इसाई धर्म माना जाता है। ईएमएस / 21/11/2025