नई दिल्ली (ईएमएस)। सर्दी का मौसम में हवा में नमी की मात्रा घट जाती है और वातावरण शुष्क हो जाता है, जिससे संक्रमण तेजी से फैलता है। सर्दी के मौसम में फ्लू जैसे वायरस अधिक सक्रिय हो जाते हैं और छोटे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ने लगती है। इसलिए माता-पिता को बच्चों की देखभाल में विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। सर्दी के दिनों में कई बच्चों को सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है। चिकित्सकों का कहना है कि नवजात शिशुओं से लेकर 12 वर्ष तक की उम्र के बच्चों में अगर खांसी बढ़ने लगे, सांस लेते समय घरघराहट या सीटी जैसी आवाज सुनाई दे, या उन्हें खाने-पीने में परेशानी हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। छोटे बच्चों में आरएसवी ब्रोंकियोलाइटिस का खतरा अधिक रहता है, जो एक प्रकार का श्वसन संक्रमण है। इस स्थिति में बच्चों को दवाओं के साथ-साथ नेबुलाइजर की आवश्यकता भी पड़ सकती है। विशेषज्ञों ने यह भी चेताया है कि पांच वर्ष तक की उम्र के बच्चों में निमोनिया एक गंभीर समस्या बन सकती है, खासकर उन बच्चों में जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है। यह बीमारी सामान्य सर्दी-जुकाम से शुरू होती है, लेकिन धीरे-धीरे फेफड़ों तक पहुंचकर गंभीर रूप ले सकती है। बच्चों में खांसी, बुखार, ठंड लगना, पेट दर्द, भूख की कमी या तेज सांस जैसी समस्याएं दिखें तो तुरंत चिकित्सा सलाह लेनी चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड के मौसम में बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए कुछ सरल लेकिन प्रभावी उपाय अपनाने चाहिए। सबसे पहले, बच्चों की स्वच्छता पर ध्यान दें बाहर से आने के बाद उनके हाथ और चेहरा साबुन से अच्छी तरह धोएं। इम्युनिटी मजबूत रखने के लिए उन्हें पौष्टिक आहार दें जिसमें विटामिन सी, जिंक और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर फल-सब्जियां शामिल हों। बच्चों की नींद पूरी होनी चाहिए, क्योंकि पर्याप्त नींद से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। संक्रमण से बचाव के लिए बच्चों को मास्क पहनाना और संक्रमित व्यक्तियों से दूर रखना चाहिए। डॉक्टरों की सलाह है कि बच्चों को फ्लू और न्यूमोकोकल टीके समय पर लगवाना बेहद जरूरी है। अगर बच्चे की नाक बंद रहती है तो सेलाइन ड्रॉप्स से उसे साफ रखा जा सकता है। ठंडी हवा के कारण बच्चों की नाक और गला जल्दी सूख जाता है, जिससे वायरस आसानी से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। वहीं, कम धूप और प्रदूषण भी इम्युनिटी को कमजोर करते हैं। सर्द मौसम में थोड़ी सी लापरवाही भी बच्चों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है। इसलिए इस समय माता-पिता को बच्चों की छोटी-छोटी तकलीफों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और समय पर चिकित्सा सलाह लेनी चाहिए। मालूम हो कि सर्दी का मौसम शुरू होते ही बच्चों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। इस मौसम में एलर्जी, फ्लू, सर्दी-खांसी और सांस से जुड़ी परेशानियां आम हो जाती हैं। सुदामा/ईएमएस 22 नवंबर 2025