-तीनों राज्य मिलकर करें काम तो मिल सकता है बेहतर परिणाम नई दिल्ली,(ईएमएस)। यमुना नदी में बढ़ती गंदगी को लेकर दिल्ली जल बोर्ड ने यूपी और हरियाणा पर गंभीर आरोप लगा दिया है। बोर्ड ने साफ कहा है, कि यमुना का प्रदूषण केवल दिल्ली के 22 नालों से नहीं, बल्कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश के औद्योगिक एवं सीवेज नालों से आने वाली गंदगी से भी हो रहा है। इसी मुद्दे को लेकर डीजेबी ने 10 नवंबर को दोनों राज्यों की सरकारों और अपर यमुना रिवर बोर्ड को पत्र भेजा है। दिल्ली जल बोर्ड के अनुसार, हरियाणा के पानीपत और सोनीपत के औद्योगिक नालों से आने वाला प्रदूषित पानी यमुना में मिलकर अमोनिया की मात्रा बढ़ा देता है। अमोनिया का बढ़ा स्तर कई बार दिल्ली में पेयजल संकट पैदा कर देता है। नियमों के बावजूद औद्योगिक डिस्चार्ज से यमुना की सफाई के प्रयास प्रभावित हो रहे हैं। इसी के साथ बताया गया है कि नजफगढ़ ड्रेन से 32 फीसद गंदगी यूपी-हरियाणा से, नजफगढ़ ड्रेन यमुना का सबसे बड़ा प्रदूषण स्रोत है। इस ड्रेन से रोजाना 682–700 एमजीडी गंदा पानी यमुना में जाता है। इसमें से 32 फीसद गंदा पानी हरियाणा और यूपी से आता है। हरियाणा से आने वाला प्रदूषण गुड़गांव की एल-1 और ड्रेन नंबर-6, बादशाहपुर ड्रेन में गंदा पानी छोड़ती हैं। बादशाहपुर ड्रेन आगे नजफगढ़ ड्रेन में मिलता है। कुल मिलाकर 105–110 एमजीडी प्रदूषित पानी हरियाणा की ओर से इसमें जाता है। गुड़गांव की एल-2 और एल-3 ड्रेन भी इसी ड्रेन में डिस्चार्ज करती हैं। उत्तर प्रदेश से आने वाला प्रदूषण यूपी की ओर से गाजियाबाद की ड्रेन अपना गंदा पानी शाहदरा ड्रेन में छोड़ती है। शाहदरा ड्रेन से यह पानी यमुना में पहुंचता है। शाहदरा ड्रेन 13.4 किमी लंबी है और यूपी का औद्योगिक वेस्ट गाजीपुर ड्रेन से इसमें आता है। यह ड्रेन दिल्ली के कई औद्योगिक क्षेत्रों, जैसे- जौहरीपुर, गोकुलपुर, कर्दमपुरी, बाबरपुर, जाफराबाद, सीलमपुर, गांधी नगर, कांति नगर, विश्वास नगर, कड़कड़डूमा, मधु विहार, पटपड़गंज से होकर गुजरती है, जहां से भी गंदगी इसमें मिलती है। डीजेबी ने दिए समाधान के सुझाव पत्र में डीजेबी ने दोनों राज्यों को यमुना प्रदूषण रोकने के लिए कई निर्देश और सुझाव दिए हैं— ड्रेन नंबर-2 के इन-सीटू उपचार की व्यवस्था की जाए। ड्रेन नंबर-6 के दोनों बांधों की तत्काल मरम्मत की जाए ताकि गंदा पानी बाहर न फैले। डीडी-8 ड्रेन के दाएं किनारे बह रहे एफ्लुएंट को एक बंद ड्रेन सिस्टम के जरिए आगे ले जाकर रिसाव रोका जाए। दिल्ली जल बोर्ड ने कहा कि यमुना सफाई तभी संभव है जब तीनों राज्य मिलकर काम करें और सभी ड्रेनों के प्रदूषित पानी को नदी में पहुंचने से पहले उपचारित किया जाए। हिदायत/ईएमएस 22 नवंबर 2025