लखनऊ (ईएमएस)। उत्तरप्रदेश राज्य के नगरीय निकाय क्षेत्रों की भूमि के सटीक व डिजिटल नक्शे तैयार करने के लिए अगले साल से ड्रोन सर्वेक्षण का कार्य शुरू होगा। पायलेट प्रोजेक्ट (प्रायोगिक परियोजना) के तौर पर अनूप शहर में चल रहे सर्वेक्षण के पूरा होने के बाद अन्य नगरीय निकायों के लिए सर्वेक्षण की कार्ययोजना तैयार होगी। सर्वेक्षण के बाद संबंधित नगरीय निकाय क्षेत्रों में स्थित औद्योगिक क्षेत्र, बाजार, रिहायशी क्षेत्र, सड़क, रेल ट्रैक, तालाब, नदी व हरित क्षेत्र की सटीक जानकारी मिलेगी। इसके आधार पर राजस्व रिकार्ड के डिजिटल नक्शे तैयार किए जाएंगे। केंद्रीय भूमि संसाधन विभाग के डिजिटल इंडिया भूमि रिकार्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआइएलआरएमपी) के तहत यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों का सर्वेक्षण पूरा करने के बाद शहरी क्षेत्रों में सर्वेक्षण होना है। डीआइएलआरएमपी के तहत केंद्र सरकार हर प्रकार की भूमि का रिकार्ड तैयार करा रही है। इस रिकार्ड के तैयार होने के बाद सभी रिहायशी कालोनियों के भी नक्शे तैयार किए जाएंगे। अभी तक टैक्स प्रणाली के मद्देनजर शहरी क्षेत्रों के नक्शे तैयार किए गए हैं। ड्रोन सर्वेक्षण के बाद सभी शहरों का नक्शा तैयार किया जाएगा, इससे भूमि के मालिकाना अधिकार को लेकर स्पष्टता आएगी। साथ ही भूमि की खरीद व बिक्री में धोखाधड़ी पर रोक लगेगी। एकीकृत भूमि सूचना प्रबंधन प्रणाली विकसित करने के लिए किए सभी शहरों व कालोनियों के नक्शों की जियो-रेफरेंसिंग (वास्तविक दुनिया के भौगोलिक निर्देशांकों को डिजिटल मानचित्र या छवि के साथ जोड़ने की प्रक्रिया) पूरी की जाएगी। राजस्व विभाग ने पहले चरण के सर्वेक्षण के लिए टांडा, नवाबगंज, चित्रकूट धाम, गोरखपुर, हरदोई, झांसी, चुनार, पूरनपुर व तिलहर के नगरीय निकायों का चयन किया गया है। पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर 18 फरवरी से अनूप शहर में सर्वेक्षण किया जा रहा है। इस सर्वेक्षण के समाप्त होने के बाद अन्य नगरीय निकाय क्षेत्रों के सर्वेक्षण की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। चूंकि अनूप शहर की आबादी करीब 46 हजार है और 10 हजार मकान हैं इसलिए पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर इसका चयन किया गया है। आशीष/ईएमएस 22 नवंबर 2025