अंतर्राष्ट्रीय
23-Nov-2025
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-रोज औसतन कमाई 2000, अमीर मुल्कों में 90 फीसदी पाक भिखारी इस्लामाबाद,(ईएमएस)। पाकिस्तान में भीख मांगना अब 42 अरब डॉलर की इंडस्ट्री बन चुका है। इस इंडस्ट्री में शामिल लोगों की संख्या 3 करोड़ 80 लाख के पार हो चुकी है। इतना ही नहीं, पाकिस्तान पूरी दुनिया में भिखारियों का सप्लायर भी बनकर उभरा है। आज सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात जैसे अमीर मुल्कों में मौजूद भिखारियों में 90 फीसदी से अधिक पाकिस्तानी हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 23 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले पाकिस्तान में 3.8 करोड़ भिखारी हैं। इन भिखारियों की एक बड़ी तादाद विदेशों में है। ये भिखारी भीख मांगने के लिए बाकायदा वीजा लेकर खाड़ी देशों में जाते हैं। इनमें से अधिकतर भिखारी, मक्का, मदीना, दुबई, शारजाह, अबू धाबी जैसे बड़े शहरों में भीख मांगते हैं। ये देश हर साल बड़े पैमाने पर पाकिस्तानी भिखारियों को पकड़कर डिपोर्ट भी करते हैं। इसके बावजूद इन देशों में पाकिस्तानी भिखारियों की संख्या बहुत ज्यादा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि करांची में एक भिखारी रोज औसतन 2000 रुपए, लाहौर में 1400 रुपए और इस्लामाबाद में 950 रुपए कमाता है। हालांकि पाकिस्तान में प्रति भिखारी यह कमाई औसतन 850 रुपए है। शहरों के हिसाब से भिखारियों की कमाई बदलती रहती है। इनमें से ज्यादातर भिखारी धार्मिक स्थलों, सिग्नलों और सड़कों पर घूमकर भीख मांगते हैं। भिखारियों की बढ़ती संख्या के कारण इस्लामाबाद और लाहौर में कई सार्वजनिक स्थानों पर भिखारियों की एंट्री पर बैन लगा दिया है। पाकिस्तान में सबसे ज्यादा भिखारी करांची में हैं। करांची में गरीबी, सड़कों की बुरी स्थिति, रोजगार का न होना और आबादी का बहुत ज्यादा बढ़ना प्रमुख कारण है। दूसरे स्थान पर लाहौर है। लाहौर में भिखारियों की ज्यादा संख्या का सबसे बड़ा कारण वहां होने वाली कमाई है। करांची में लोग भिखारियों को सबसे ज्यादा भीख देते हैं। इस्लामाबाद में इनकी संख्या बहुत कम है, क्योंकि सरकारी ऑफिसों, अधिकारियों और राजनेताओं के आवासों, विदेशी गणमान्य नागरिकों की यात्राओं के कारण इस्लामाबाद में भिखारियों पर सख्ती की जाती है। सिराज/ईएमएस 23 नवंबर 2025