अंतर्राष्ट्रीय
23-Nov-2025
...


-नई रिपोर्ट में दावा- चल रहे शिविरों में अब तक 125 से ज्यादा लोगों को दी ट्रेनिंग ढाका,(ईएमएस)। बांग्लादेश में यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पाकिस्तान के साथ गलबहियां भी शुरू कर दी है। दोनों देशों के बीच कई तरह के समझौते हुए हैं और खुलेआम भारत के खिलाफ प्लानिंग भी की जा रही है। हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान किस तरह भारत विरोधी कामों के लिए बांग्लादेश का इस्तेमाल कर रहा है। एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान न सिर्फ नशीली दवाओं की तस्करी में बांग्लादेश की जमीन का इस्तेमाल कर रहा है, बल्कि इसे भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए हथियार बना रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक आईएसआई के हैंडलर, जिनमें पूर्व पाकिस्तानी सैन्य कमांडो भी शामिल हैं, बांग्लादेश के बंदरबन, ब्रह्मनबारिया और सिलहट जिलों में गुप्त प्रशिक्षण शिविर चला रहे हैं। इन शिविरों में अब तक 125 से ज्यादा लोगों को ट्रेनिंग दी गई है, जिनमें 50 से ज्यादा रोहिंग्या युवक और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों अंसारुल्लाह बांग्ला टीम और हिज्ब उत-तहरीर के सदस्य शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन युवाओं को आईईडी बनाने, गुरिल्ला युद्धक रणनीति और भारत की सीमा में घुसपैठ की ट्रेनिंग दी जा रही है। खास बात यह है कि ये शिविर भारत-बांग्लादेश सीमा के उन इलाकों में बनाए गए हैं, जहां फेंसिंग नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश पाकिस्तान की हाइब्रिड वॉरफेयर रणनीति का नया केंद्र बन रहा है, जहां आईएसआई ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी के साथ मिलकर नशीली दवाओं की तस्करी और आतंकवादी ढांचे को खड़ा किया है। 2024 में ढाका में राजनीतिक बदलाव और मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के गठन के बाद पाकिस्तान ने इन गतिविधियों को तेजी से आगे बढ़ाया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सितंबर 2024 में पाकिस्तान से आने वाले माल पर अनिवार्य जांच छूट और दिसंबर 2024 में पाकिस्तानी नागरिकों के सुरक्षा मंजूरी नियमों को ढीला करने के बाद आईएसआई के एजेंटों और नशीली दवाओं की तस्करी के लिए रास्ते खुल गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक दाऊद की कराची-आधारित सिंडिकेट अब अफगान हेरोइन, मेथ और अन्य सिंथेटिक ड्रग्स को बांग्लादेश के बंदरगाहों के जरिए भारत और अन्य देशों में भेज रही है। अक्टूबर 2025 में चिटगांव पोर्ट पर 25 टन नशीली सामग्री बरामद हुई थी, जिसे ‘बर्ड फीड’ के नाम पर भेजा गया था। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की यह रणनीति भारत को घेरने और उसके उत्तर-पूर्व को नशीली दवाओं और आतंकवाद की चपेट में लाने की कोशिश है। सुरक्षा विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि यदि क्षेत्रीय स्तर पर मजबूत कार्रवाई नहीं हुई तो बांग्लादेश दक्षिण एशिया का स्थायी ‘नारको-टेरर हब’ बन सकता है, जिससे भारत की आंतरिक सुरक्षा और बंगाल की खाड़ी की समुद्री सुरक्षा को खतरा पैदा होगा। सिराज/ईएमएस 23 नवंबर 2025