सैलवाड़ा में भागवत कथाः भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का महत्व बताया भागवत कथा के बाद लगाया दिव्य दरबार तेंदूखेड़ा (ईएमएस)। ग्राम पंचायत सैलवाड़ा में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक पूज्य श्री बृज बिहारी सरकार अनिकेत कृष्ण शास्त्री महाराज ने भागवत महापुराण की महिमा एवं जीवनोपयोगिता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भागवत कथा एक महान यज्ञ है, जो केवल आहुति देने तक सीमित नहीं बल्कि मनुष्य के भीतर जल रहे अज्ञान रूपी अंधकार को ज्ञान के प्रकाश में बदलने का माध्यम है। नियमित सात दिन तक भागवत कथा श्रवण करने से मनुष्य के भीतर ज्ञान रूपी दीपक प्रज्वलित होता है। महाराजश्री ने राजा परीक्षित एवं महर्षि नारद द्वारा भक्ति, ज्ञान और वैराग्य को पुनर्जीवन देने की कथा का उल्लेख करते हुए कहा कि गीता पाठ से जहां कुछ देर के लिए चेतना लौटती है, वहीं भागवत कथा स्थायी ज्ञान और वैराग्य का संचार करती है। उन्होंने कहा कि आज मनुष्य मनोरंजन के अनेक साधनों में उलझ गया है, जबकि कथा आत्मरंजन एवं मन को निर्मल बनाने का श्रेष्ठ मार्ग है। उन्होंने श्रीमद् भागवत में वर्णित आत्मदेव, धुन्धुली, धुंधकारी और गोकर्ण की कथा का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे दुष्कर्म मनुष्य को विनाश की ओर ले जाते हैं, वहीं सत्कर्म और ज्ञान जीवन को सार्थक बनाते हैं। महाराजश्री ने कहा कि चिंता ही चिता है, और कथा ही वह साधन है जो जीवन की व्यथा को मिटाकर मनुष्य को चिंता-मुक्त जीवन प्रदान करती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भागवत कथा का श्रवण और आयोजन पूर्ण नियम, श्रद्धा और पवित्रता के साथ होना चाहिए। भगवान के 24 अवतारों का वर्णन करते हुए महाराजश्री ने बताया भगवान के अभी 23 अवतार हुए हैं 24 वाँ अवतार कलयुग के अंत में कलकी अवतार होगा जब अधर्म बढ़ जाएगा गौ-माता की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सबसे बड़ा दोषी वही है जो गाय का दूध लेकर उसे घर से बाहर कर देता है। गौ सेवा को उन्होंने संसार की सबसे महान सेवा बताया। कार्यक्रम में भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और कथा का भावपूर्वक श्रवण किया। दूसरे दिन की भागवत कथा के बाद दिव्य दरबार लगाया दरबार की बात सिद्ध भभूति का वितरण किया गया और इसके बाद आरती की गई। ईएमएस / 23/11/2025