नई दिल्ली (ईएमएस)। नियमित रूप से अपनाए गए आयुर्वेदिक उपाय कफ को जड़ से नियंत्रित करने में मदद करते हैं और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं। मौसम में बदलाव के साथ सर्दी, खांसी और कफ की समस्या आम हो जाती है। ऐसे समय में घरेलू आयुर्वेदिक नुस्खे न केवल सुरक्षित माने जाते हैं, बल्कि लंबे समय तक राहत भी देते हैं। भारत सरकार का आयुष मंत्रालय इन मौसमी परेशानियों से निपटने के लिए प्राकृतिक उपचारों को सबसे कारगर विकल्प बताता है। मंत्रालय के अनुसार, अदरक और तुलसी का काढ़ा कफ और खांसी के लिए सबसे प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक है। ताजी अदरक और तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालकर बनाया गया यह काढ़ा गले की खराश दूर करता है और कफ को पतला करके बाहर निकालने में मदद करता है। इसे सुबह और शाम पीने से बलगम जमा नहीं होता और सांस लेने में आसानी रहती है। हल्दी वाला दूध भी पारंपरिक और भरोसेमंद उपाय है। रात को सोने से पहले हल्दी मिला गर्म दूध पीने से फेफड़े साफ रहते हैं और खांसी में राहत मिलती है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है, जो संक्रमण को रोकने और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है। त्रिफला चूर्ण को भी आयुष मंत्रालय ने फायदेमंद बताया है। रोजाना रात में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लेने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और शरीर में कफ का निर्माण कम होता है। यह शरीर की अंदरूनी सफाई करता है और श्वसन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखता है। कफ से तुरंत राहत पाने के लिए लौंग और शहद का संयोजन भी बेहद प्रभावी है। दिन में दो से तीन बार 2-3 लौंग की कलियां शहद के साथ चबाने से गला साफ होता है, खांसी कम होती है और बलगम निकलने में मदद मिलती है। लौंग में पाया जाने वाला यूजेनॉल नामक तत्व सूजन और संक्रमण को नियंत्रित करता है। सबसे सरल लेकिन असरदार उपाय है दिनभर गुनगुना पानी पीना। थोड़ी-थोड़ी देर में गर्म पानी पीने से कफ पतला होता है और शरीर से आसानी से बाहर निकल जाता है। यह नुस्खा पूरी तरह प्राकृतिक है और किसी दवा की जरूरत नहीं पड़ती। सुदामा/ईएमएस 24 नवंबर 2025