राष्ट्रीय
24-Nov-2025
...


-पार्टी तक एकसाथ तीन मोर्चों पर घिरा है परिवार, मंडरा रहा खतरा पटना,(ईएमएस)। बिहार की राजनीति में लालू परिवार हमेशा सुर्खियों में रहा है, लेकिन इस बार घर के अंदर ही तूफान खड़ा हो गया। रोहिणी आचार्य का आरोप है कि उन्हें राबड़ी आवास से भगा दिया गया, चप्पल दिखाए गए, गालियां दी गईं…इसने पूरे परिवार और आरजेडी की राजनीतिक छवि पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। बता दें जैसे ही रोहिणी घर से बाहर निकलीं, बाकी तीनों बहनें भी वहां से रवाना हो गईं। इस बीच तेजस्वी, लालू यादव और राबड़ी देवी किसी की ओर से भी एक शब्द उनके पक्ष में नहीं आया। इससे माहौल और तनाव सामने आ गया है। दूसरी ओर पार्टी चुनाव में करारी हार झेल चुकी है और तीसरी तरफ ‘लैंड फॉर जॉब’ केस की कानूनी तलवार नेतृत्व पर लटक रही है। तीनों संकट एक साथ आकर लालू परिवार को अभूतपूर्व दबाव में ले आए हैं। अब सवाल यही है यह झगड़ा कहां तक जाएगा? क्या परिवार में बंटवारा भी हो सकता है? सवाल यह भी कि क्या राजनीतिक नुकसान के बाद अब कानूनी मोर्चा भी भारी पड़ेगा? बता दें आरजेडी बिहार चुनाव 2025 में बड़ी हार झेल चुकी है। तेजस्वी यादव जिन्हें कुछ दिन पहले तक भावी सीएम के तौर पर देखा जा रहा था, अब 25 सीटों पर सिमटने के बाद विपक्ष में कमजोर स्थिति में हैं। पार्टी के अंदर ही तेजस्वी पर सवाल उठ रहे हैं और यह सवाल परिवार के भीतर से उठ रहे हैं। बहनों में तकरार, तेजप्रताप की नाराजगी, मीसा और तेजस्वी के बीच कथित तौर पर मौन अदावत और अब रोहिणी का विस्फोट… इन सबका असर सीधे आरजेडी की साख पर पड़ा है। बिहार चुनाव में हार के बाद कौन जिम्मेदार? की बहस तेज है और कई उंगलियां तेजस्वी के सलाहकारों-संजय यादव और आईटी सेल प्रभारी रमीज नेमत खान की ओर उठ रही हैं। रोहिणी ने भी इन्हीं नामों पर आरोप लगाए हैं। जाहिर है यह सवाल और संघर्ष सिर्फ बयानबाजी नहीं है। यह सीधा संकेत है कि आरजेडी नेतृत्व संकट में है और परिवार की खींचातानी अब खुले मंच पर पहुंच गई है। बीजेपी इस मौके को आपदा में अवसर की तरह देख रही है। तेज प्रताप को अचानक ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा मिलना इसी राजनीतिक खेल का हिस्सा माना जा रहा है। बता दें लालू परिवार के नौ बच्चों में से चार राजनीति में सक्रिय हैं मीसा भारती, रोहिणी आचार्य, तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव। राजनीति के जानकारों की नजर में इन सबकी अपनी-अपनी महत्वाकांक्षा है और यही संघर्ष की जड़ है। तेजप्रताप पहले ही पार्टी और परिवार से नाराज हुए थे। मीसा और तेजस्वी के बीच प्रचार को लेकर खटास की खबरें पुरानी हैं। रोहिणी अपनी राजनीतिक भूमिका और बेटे के लिए टिकट को लेकर पहले भी असहज थीं और अब यह विवाद सार्वजनिक हो गया है। सिराज/ईएमएस 24 नवंबर 2025