कोरबा (ईएमएस) जानकारी के अनुसार कोरबा जिले के 65 में से 8 धान खरीदी केंद्रों को हाथियों से खतरा है। यहां हर साल हाथी धान खाने पहुंच जाते हैं। इन केंद्रों में अभी सुरक्षा के नाम पर सिर्फ कंटीले तार की फेंसिंग की गई है, जिसे हाथी आसानी से तोड़ देते हैं। प्रशासन ने इन केंद्रों की निगरानी करने को कहा है। सहकारी समितियों के प्रभारियों को धान की चोरी के साथ हाथियों से बचाने की भी चुनौती होती है। धान खरीदी केंद्र जंगल के ही किनारे हैं। अभी 91 से अधिक हाथी घूम रहे हैं। हाथियों को अब धान खाने की आदत पड़ गई है। इसकी वजह से मकानों को भी तोड़ देते हैं। कोरबा ब्लॉक में सबसे अधिक समस्या होती है। इस कड़ी में ग्राम श्यांग, लेमरू, चिर्रा, कोरकोमा, चचिया, मदवानी को प्रशासन ने चिन्हित किया है। इसी तरह पोड़ी-उपरोड़ा ब्लॉक के मोरगा, लैंगा को हाथी प्रभावित माना गया है। इसके अलावा भी हाथी प्रभावित अन्य केंद्र हैं। इनमें जिल्गा बरपाली, रामपुर, कोरबी भी शामिल हैं, जहां हाथियों की आवाजाही हमेशा रहती है। हालांकि हाथी कब कहां चले जाएं, इसका अंदाजा नहीं होता है। * धान का उठाव करने दी जाएगी प्राथमिकता : जी.एस. कंवर इस मामले जिला खाद्य अधिकारी, कोरबा जी.एस. कंवर ने जानकारी देते हुए बताया की हाथी प्रभावित धान खरीदी केंद्रों में समय पर उठाव हो, इसकी योजना बनाई गई है। जो लिमिट तय किया है, उसके अनुसार इन केंद्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। 24 नवंबर / मित्तल