नई दिल्ली,(ईएमएस)। नौवें सिख गुरु, आध्यात्मिक ज्योति और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान देने वाले गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी दिवस पर संपूर्ण देश ने उन्हें श्रद्धा और सम्मान के साथ याद किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरु तेग बहादुर जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, धर्म, न्याय और दृढ़ता के मार्ग पर चलने का उनका संदेश संपूर्ण मानवता के लिए प्रेरक है। देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय नेताओं ने गुरु तेग बहादुर की शिक्षाओं और त्याग को नमन किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए गुरु तेग बहादुर जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, कि गुरु जी का बलिदान हमें हर परिस्थिति का सामना साहस और धैर्य के साथ करने की प्रेरणा देता है। साथ ही उन्होंने देशवासियों से गुरु जी की शिक्षाओं को आत्मसात कर सशक्त और विकसित भारत के निर्माण में योगदान देने की अपील की। मानव कल्याण का अद्वितीय उदाहरण: शिवराज केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, धर्म की रक्षा और मानवता के कल्याण के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले ‘हिंद दी चादर’ गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान हमेशा प्रेरक रहेगा। उन्होंने कहा कि गुरु जी की पवित्र शिक्षाएं अनंतकाल तक मानवता के कल्याण का पथ प्रशस्त करती रहेंगी। सत्य, न्याय और एकता का संदेश: सीएम सरमा असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरु जी को धार्मिक दृढ़ता, निर्भयता और मानवीय मूल्यों का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, गुरु जी का जीवन सत्य, न्याय, प्रेम और एकता का संदेश देता है। उनका बलिदान हमें सदैव अन्याय के विरुद्ध खड़े होने और मानवता की सेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा। देश की आत्मा में बसती है उनकी शहादत: सीएम भजनलाल राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरु जी के बलिदान को नमन करते हुए कहा कि गुरु तेग बहादुर की शहादत देश की आत्मा में बसती है। उन्होंने कहा कि गुरु जी की शिक्षाएं सदैव सत्य, साहस और इंसानियत के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती रहेंगी। इस तरह से गुरु तेग बहादुर जी केवल सिख इतिहास के महान व्यक्तित्व नहीं, बल्कि मानवता, स्वतंत्रता और धार्मिक सहिष्णुता के वैश्विक प्रतीक हैं। उनका त्याग आने वाली पीढ़ियों को सदैव यह संदेश देता रहेगा कि सच्चाई और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए खड़े होना ही सर्वोच्च धर्म है। हिदायत/ईएमएस 24नवंबर25