राष्ट्रीय
24-Nov-2025
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-आईएमडी ने किया अलर्ट, ओडिशा के तटीय इलाकों में हो सकती है बारिश नई दिल्ली,(ईएमएस)। समुद्र में बन रहा तूफान भारत में लोगों की धड़कनें बढ़ा रहा है। आशंका है कि इस दौरान 100 किमी की तूफानी हवाएं भारी तबाही मचा सकती हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में बन रहा कम दबाव का क्षेत्र मजबूत हो रहा है और अगले 48 घंटों में यह एक चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंक जताई जा रही है। आईएमडी ने इसे लेकर अलर्ट जारी कर कहा कि यह सिस्टम 26 नवंबर के आसपास ‘चक्रवात सेन्यार’ का रूप ले सकता है। इसके असर से ओडिशा के तटीय इलाकों में 25 से 27 नवंबर के बीच बारिश हो सकती है। आईएमडी के मुताबिक फिलहाल यह सिस्टम मलक्का जलडमरूमध्य और दक्षिण अंडमान सागर के पास सक्रिय है और धीरे-धीरे दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ रहा है। यह सिस्टम अभी मुख्य भूमि से करीब 1,000 किलोमीटर दूर है, इसलिए इसके सटीक रूट और असर के बारे में साफ जानकारी आज शाम तक मिल सकेगी। आईएमडी से संकेत मिल रहे हैं कि यह सिस्टम 24 नवंबर तक डिप्रेशन और 26–27 नवंबर तक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। 27 नवंबर के आसपास बंगाल की खाड़ी में हवा की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती है। इससे समुद्र बहुत उग्र होने और दक्षिण ओडिशा के तटीय जिलों में भारी बारिश की आशंका है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ओडिशा के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा है कि राज्य सरकार अलर्ट है और संभावित चक्रवात से निपटने के लिए तैयारियां कर ली गई हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी मशीनरी पूरी तरह तैयार है, चाहे सिस्टम आगे और ज्यादा ताकतवर ही क्यों न हो जाए। यह सिस्टम सबसे पहले अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर प्रभाव डालेगा। इसकी वजह से 26 नवंबर तक द्वीपों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। निकोबार क्षेत्र में 24 और 25 नवंबर को बारिश चरम पर रहने का अनुमान है। हवा की रफ्तार 35–45 किमी प्रति घंटा से शुरू होकर 55 किमी प्रति घंटा तक जा सकती है। 25 नवंबर को गति बढ़कर 65 किमी प्रति घंटा होने की आशंका है। इस तूफान के रूट को लेकर अभी अनिश्चितता बनी हुई है। मौसम वैज्ञानिक आकलन लगा रहे हैं कि 26 नवंबर के बाद यह तूफान तमिलनाडु-आंध्र प्रदेश तट की ओर बढ़ेगा या उत्तर की ओर मुड़कर ओडिशा-बांग्लादेश की दिशा लेगा। फिलहाल लोगों को नियमित मौसम अपडेट पर नजर रखने की सलाह दी गई है। आईएमडी ने मछुआरों को 25 नवंबर तक अंडमान सागर और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में समुद्र में न जाने की सलाह दी है। यह चेतावनी 28 नवंबर तक जारी रहेगी। समुद्री इलाकों और निचले तटीय क्षेत्रों में स्थानीय प्रशासन निगरानी बढ़ा चुका है। तूफान का नाम ‘सेन्यार’ क्यों? इस तूफान का नाम ‘सेन्यार’ नाम रखा है जिसका अर्थ है ‘शेर’। यह नाम संयुक्त अरब अमीरात ने सुझाया था और यह विश्व मौसम संगठन और संयुक्त राष्ट्र के चक्रवात नामकरण पैनल की स्वीकृत सूची का हिस्सा है। उत्तर हिंद महासागर में बनने वाले अगले तूफान के लिए इसी नाम का क्रम था। बंगाल की खाड़ी का सिस्टम जैसे-जैसे ताकत पकड़ रहा है, पूर्वी तट के सभी राज्यों को अलर्ट पर रखा गया है। सिराज/ईएमएस 24नवंबर25