राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पालज गाँव की विद्यालय की अद्भुत उपलब्धियाँ गांधीनगर (ईएमएस)| शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थी विकास और रचनात्मक गतिविधियों में भी राज्य सरकार द्वारा संचालित सरकारी प्राथमिक शालाएँ हमेशा अग्रणी रही हैं। इसका उत्कृष्ट उदाहरण है… गांधीनगर जिले के पलज गाँव की ‘सरकारी प्राथमिक शाला’। गुजरात की राजधानी गांधीनगर और साबरमती नदी के किनारे स्थित पालज गाँव… “शिक्षक कभी साधारण नहीं होता, निर्माण और प्रलय उसकी गोद में पलते हैं” — इस ध्येय मंत्र को यहाँ की प्राथमिक शाला ने आचार्य हितेश पटेल, शिक्षक साथियों, विद्यार्थियों और ग्रामजनों के सहयोग से सार्थक करते हुए राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए रिकॉर्ड और उपलब्धियाँ हासिल की हैं। पालज गाँव की इस सरकारी प्राथमिक शाला ने वैश्विक स्तर पर 900 से अधिक प्राचीन सिक्कों के संग्रह के लिए वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड में स्थान पाया है। साथ ही गांधीनगर स्थित आईआईटी प्रेरित प्रतिष्ठित आयोजन ‘क्यूरियोसिटी कार्निवल-2025’ में प्रथम स्थान तथा वर्ष 2025 में राज्य स्तरीय ‘क्लाइमेट चेंज अवॉर्ड’ प्राप्त कर अपनी एक अनूठी और प्रेरणादायी पहचान स्थापित की है। आईआईटी गांधीनगर ‘क्यूरियोसिटी कार्निवल-2025’ में पहला स्थान केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के “निपुण भारत” कार्यक्रम अंतर्गत आयोजित आईआईटी गांधीनगर के “क्यूरियोसिटी कार्निवल-2025” में पलज प्राथमिक शाला ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। जनवरी माह में आयोजित इस कार्निवल में प्राचीन सिक्का संग्रह, विज्ञान गतिविधियाँ, आर्ट-क्राफ्ट, मॉडल प्रस्तुति और वैज्ञानिक प्रयोग जैसी स्पर्धाओं में अनेक विद्यालयों ने भाग लिया। पालज शाला के विद्यार्थियों ने भारतीय और विदेशी, दोनों प्रकार के 900 से अधिक प्राचीन सिक्कों एवं नोटों का प्रदर्शन कर नया कीर्तिमान स्थापित किया। इस स्पर्धा में जवाहर नवोदय विद्यालय, पीएम श्री विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय, विभिन्न कॉलेजों तथा स्वयं IIT के विद्यार्थियों ने भी भाग लिया था, जिनमें पलज की सरकारी प्राथमिक शाला ने ‘कलेक्शन कैटेगरी’ में प्रथम स्थान हासिल किया। इस उपलब्धि को वर्ल्डवाइड बुक ऑफ रेकॉर्ड में दर्ज किया गया। ‘प्लास्टिक-मुक्त गाँव’ की अनोखी पहल और क्लाइमेट चेंज अवॉर्ड वैश्विक समस्या बन चुके क्लाइमेट चेंज के समाधान हेतु राज्य भर में जनभागीदारी से हरित आवरण बढ़ाने का प्रयास हो रहा है। इसी दिशा में पलज सरकारी प्राथमिक शाला ने ‘प्लास्टिक-मुक्त गाँव’ की अनोखी पहल शुरू की, जिसके लिए हाल ही में शाला को क्लाइमेट चेंज विभाग द्वारा वर्ष 2025-26 का राज्य स्तरीय ‘क्लाइमेट चेंज अवॉर्ड’ प्रदान किया गया। प्लास्टिक के कम उपयोग और जागरूकता फैलाने के लिए शैक्षणिक संस्थानों में इस विद्यालय का चयन किया गया। शाला के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने ग्रामजनों के सहयोग से प्लास्टिक रीसायकलिंग में सक्रिय भूमिका निभाई। प्रत्येक बुधवार विद्यार्थियों से घर का प्लास्टिक कचरा एकत्र कर IIT-गांधीनगर भेजा जाता था, जिसके बदले उन्हें लेखन-पैड, कचरा-पेटी और ग्रीन बेंच प्रदान की जाती थीं। वर्ष 2024-25 में विद्यार्थियों ने 245 किलो प्लास्टिक एकत्र कर गांधीनगर महानगरपालिका को जमा कराया। इसके साथ शाला ने गाँव में जागरूकता हेतु रैली, चित्र प्रतियोगिता, सफाई अभियान आयोजित किए और स्कूल परिसर में प्लास्टिक लाने पर कड़ा प्रतिबंध लागू किया। इन प्रयासों के चलते विद्यालय को ‘स्वच्छता ही सेवा अवॉर्ड 2023-24’ भी प्राप्त हुआ। पुरस्कारस्वरूप मिले 1 लाख रुपये से स्कूल ने अपने सभी 370 विद्यार्थियों को स्टील के नाश्ते के डिब्बे वितरित कर “तेरा तुझको अर्पण” की भावना को साकार किया। अन्य उल्लेखनीय गतिविधियाँ विद्यालय द्वारा ‘अंतरराष्ट्रीय गणित ओलंपियाड परीक्षा’ में विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया जाता है तथा विद्यालय में आने वाली समस्याओं के समाधान हेतु जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण भवन, गांधीनगर में एक्शन रिसर्च और शोध-पत्र भी प्रस्तुत किए जाते हैं। सतीश/24 नवंबर