नई दिल्ली,(ईएमएस)। भारत और कनाडा के बीच यूरेनियम आपूर्ति पर एक महत्वाकांक्षी 2.8 अरब अमेरिकी डॉलर का समझौता अंतिम रूप लेने वाला है। दोनों देश इस निर्यात अनुबंध को अंतिम करने के बेहद करीब पहुंच चुके हैं। यदि यह सौदा फाइनल होता है, तो अगले दस वर्षों तक कनाडा की प्रमुख कंपनी कैमको कॉर्पोरेशन भारत को यूरेनियम की आपूर्ति करेगी। यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापक परमाणु सहयोग को नई गति देगा, हालांकि भारत और कनाडा सरकारों ने अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। यह खबर ऐसे समय में आई है जब दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हाल ही में संपन्न जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की द्विपक्षीय बैठक हुई। दोनों नेताओं ने व्यापार वृद्धि और रणनीतिक साझेदारी पर विस्तृत चर्चा की। भारत सरकार ने रविवार को घोषणा की कि दो वर्ष से ठप्प व्यापार वार्ता को पुनः प्रारंभ करने पर सहमति बनी है। लक्ष्य एक उच्च-स्तरीय व्यापारिक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) का है, जो 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 50 अरब डॉलर तक दोगुना करने का इरादा रखता है। यूरेनियम सौदा दोनों देशों के सामरिक संबंधों में सुधार का प्रतीक है। 2015 में दोनों ने 350 मिलियन डॉलर का पांच वर्षीय यूरेनियम अनुबंध किया था, जो 2020 में समाप्त हो गया। अब यह नया समझौता भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों—खासकर परमाणु संयंत्रों के लिए—को पूरा करेगा। कैमको, कनाडा की सबसे बड़ी यूरेनियम उत्पादक कंपनी, इस सौदे की मुख्य आपूर्तिकर्ता होगी। रिपोर्ट के अनुसार, यह अनुबंध परमाणु ऊर्जा सहयोग को मजबूत करेगा, लेकिन रॉयटर्स स्वतंत्र सत्यापन नहीं कर सका। भारतीय वाणिज्य मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, कनाडाई सरकार और उनके व्यापार मंत्रालय ने टिप्पणी करने से इंकार किया। दोनों देशों के रिश्ते में सुधार मार्क कार्नी के प्रधानमंत्री बनने के बाद तेज हुआ। मार्च 2022 में शुरू हुई व्यापार वार्ता 2023 में तब रुक गई जब कनाडा ने एक सिख अलगाववादी की हत्या में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया, जिसे भारत ने कड़ाई से खारिज किया। तनाव के कारण सीईपीए चर्चा ठप हो गई थी। अब, कूटनीतिक प्रयासों से संबंध सामान्य हो रहे हैं, जो ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक साझेदारी को बढ़ावा देंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सौदा भारत की स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को गति देगा और कनाडा के यूरेनियम निर्यात को लाभ पहुंचाएगा। कुल मिलाकर, यह द्विपक्षीय संबंधों में नया अध्याय खोलेगा। वीरेंद्र/ईएमएस/25नवंबर2025