नई दिल्ली,(ईएमएस)। देश में पुलिस हिरासत में बढ़ती मौतों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बेहद सख्त टिप्पणी की है। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने मंगलवार को कहा कि पुलिस कस्टडी में हिंसा और मौतें भारतीय न्याय प्रणाली पर एक कलंक है और अब देश इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगा। अदालत पुलिस थानों में कार्यशील सीसीटीवी कैमरों की कमी से जुड़े मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसे सर्वोच्च अदालत ने सितंबर में मीडिया रिपोर्ट के आधार पर स्वत: संज्ञान में लिया था। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, कि रिपोर्टों के अनुसार 2025 के पहले आठ महीनों में राजस्थान में पुलिस हिरासत के दौरान 11 लोगों की मौत हुई, जिसमें से 7 मामले केवल उदयपुर जिले से जुड़े थे। कोर्ट ने याद दिलाया कि 2018 में उसने स्पष्ट आदेश दिया था कि हिरासत के दौरान मानवाधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। इसी के साथ ही अदालत ने कहा, अगर पुलिस थानों में कैमरे ही नहीं चल रहे, या लगे ही नहीं हैं, तो यह आदेश की सीधी अवहेलना है। हिरासत में मौतें किसी भी सभ्य समाज में अस्वीकार्य हैं। केंद्र से पूछा—अनुपालन हलफनामा कहाँ है? सुनवाई के दौरान बेंच ने केंद्र सरकार से यह भी पूछा कि आज तक अनुपालन हलफनामा क्यों दाखिल नहीं किया गया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र तीन सप्ताह के भीतर रिपोर्ट जमा करेगा। वहीं सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे, जो 2020 के एक अन्य मामले में अमिकस क्यूरी के रूप में सहायता कर रहे हैं, ने बताया कि केवल 11 राज्यों ने ही अब तक सीसीटीवी लगाने के संबंध में अनुपालन हलफनामा दिया है। न तो सभी राज्यों ने और न ही कई केंद्रीय एजेंसियों ने कोर्ट के आदेशों का पूर्ण पालन किया है। सीबीआई, ईडी, एनआईए दफ्तरों में भी कैमरे अनिवार्य कोर्ट ने याद दिलाया कि उसके 2020 के आदेश में सीबीआई, ईडी और एनआईए जैसी जांच एजेंसियों के दफ्तरों में भी सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया गया था। अदालत ने कहा कि जांच एजेंसियों को भी मानवाधिकार मानकों का पालन करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सभी शेष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तीन सप्ताह का समय दिया है। मामला अब 16 दिसंबर को फिर से सुना जाएगा। कोर्ट ने चेतावनी दी है कि यदि तब तक हलफनामा नहीं दिया गया, तो संबंधित राज्य/यूटी के गृह विभाग के प्रमुख सचिव को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा। हिदायत/ईएमएस 26नवंबर25