राष्ट्रीय
26-Nov-2025
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कोलकाता,(ईएमएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर भाजपा पर दहाड़ीं हैं। उन्होंने सख्त लहजे में कहा है कि एसआईआर के बहाने यदि मुझ पर हमला हुआ तो मैं देशभर में भाजपा की नींव हिलाकर रख दूंगी। बनर्जी ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि एसआईआर के नाम पर उन्हें और बंगाल को ‘टारगेट’ किया जा रहा है। नदिया जिले के कृष्णनगर में रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा, अगर मुझे पर हमला करने की कोशिश की गई, तो पूरे देश में बीजेपी की नींव हिला दूंगी। ममता ने मतुआ बहुल इलाकों में रैली के दौरान बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया कि उससे जुड़े संगठन नागरिकता के नाम पर फर्जी सर्टिफिकेट बांट रहे हैं, जिनमें लोगों को परोक्ष रूप से बांग्लादेशी बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीएए के तहत अगर कोई खुद को बांग्लादेशी बताकर आवेदन करता है, तो उसे तुरंत वोटर लिस्ट से हटा दिया जाएगा और यह एक बड़ा धोखा है। उनका आरोप है कि एसआईआर का असली उद्देश्य मतुआ और बंगालीभाषी मतदाताओं को डराना है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि यदि 2024 में जिन लोगों ने वोट डाला वही ‘अवैध’ हैं, तो फिर केंद्र सरकार की वैधता कैसे तय होती है। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने ममता के इन आरोपों पर कड़ा पलटवार किया और कहा कि एसआईआर के जरिए घुसपैठियों और फर्जी वोटरों को हटाया जा रहा है, इसी वजह से ममता परेशान हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि ममता सरकार घुसपैठियों के सहारे चलती है और वह वास्तविकता छिपाने के लिए भटकाने वाले बयान दे रही हैं। बीजेपी ने यह भी कहा कि बंगाल जीतने की चिंता में बीजेपी के गुजरात हारने संबंधी ममता का बयान केवल राजनीतिक हताशा है। असली मतदाता का नाम नहीं हटने देंगे: ममता ममता बनर्जी ने दावा किया कि एसआईआर प्रक्रिया को लेकर राज्य में अब तक 35-36 लोगों की मौतें हो चुकी हैं, जिनमें कई आत्महत्याएं भी शामिल हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी हाल में एसआईआर के डर से अपनी जान न दें और आश्वस्त किया कि कोई भी असली मतदाता लिस्ट से नहीं हटेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग एसआईआर को सिर्फ दो महीनों में खत्म कराना चाहता है, जबकि 2002 में यह प्रक्रिया तीन साल चली थी। ममता ने आयोग को ‘बीजेपी कमिशन’ बताते हुए कहा कि वह ‘दिल्ली से मिले निर्देशों’ पर काम कर रहा है। 28 को आयोग से मुलाकात करेंगे टीएमसी के नेता एसआईआर को लेकर बढ़ते विवाद के बीच चुनाव आयोग ने टीएमसी के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को 28 नवंबर को बैठक का समय दिया है, जिसमें डेरेक ओ’ब्रायन, महुआ मोइत्रा, कल्याण बनर्जी और साकेत गोखले शामिल होंगे। टीएमसी का आरोप है कि 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर फेरबदल कर राज्य की राजनीति को प्रभावित करने की कोशिश हो रही है, जबकि बीजेपी इसे घुसपैठियों की सफाई और पारदर्शी मतदाता सूची का अभियान बता रही है। एसआईआर पर छिड़ा यह संघर्ष बंगाल की राजनीति को और गर्म कर रहा है और यह विवाद आने वाले दिनों में राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। चुनाव आयोग को मिले 13.92 लाख फॉर्म अनकेक्टेबल चुनाव आयोग ने खुलासा किया है कि एसआईआर के दौरान अब तक 13.92 लाख ऐसे फॉर्म मिले हैं, जिन्हें ‘अनकलेक्टेबल’ माना गया है। इनमें वे मतदाता शामिल हैं जो या तो मृत हैं, दो जगह नाम दर्ज है, राज्य से स्थायी रूप से बाहर जा चुके हैं या लंबे समय से अपने घर पर नहीं मिल रहे। सोमवार तक यह संख्या 10.33 लाख थी, यानी आंकड़ा तेज़ी से बढ़ रहा है। एसआईआर के लिए राज्य में 80,600 से अधिक बीएलओ, 8,000 सुपरवाइजर, 3,000 एईआरओ और 294 ईआरओ तैनात हैं। इस दौरान तीन बीएलओ की मौत भी हो चुकी है, जिन्हें लेकर टीएमसी ने आयोग पर गंभीर लापरवाही और धमकी के आरोप लगाए हैं। ममता ने एक अधिकारी पर बीएलओ को जेल और नौकरी जाने की धमकी देने का आरोप लगाया और कहा कि यह अधिकारी पांच महीने में रिटायर होने वाला है। वीरेंद्र/ईएमएस/26नवंबर2025 -----------------------------------