नई दिल्ली (ईएमएस)। कई लोग रोजाना पर्याप्त समय तक सोते तो हैं, लेकिन उनकी नींद गहरी नहीं होती। इसकी एक बड़ी वजह गलत सोने की मुद्रा होती है। लोग अक्सर बिना सोचे किसी भी करवट सो जाते हैं, जबकि सही पोज़िशन नींद की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ-साथ कई समस्याओं को दूर भी कर सकती है। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि सेहत के लिए कौन-सी करवट सबसे बेहतर मानी जाती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, बाईं करवट लेकर सोना सबसे लाभदायक माना जाता है। इस मुद्रा में सोने से पाचनतंत्र बेहतर तरीके से काम करता है और गैस, ब्लोटिंग तथा एसिडिटी जैसी समस्याओं में सुधार देखा जाता है। बाईं करवट सोने से पेट का एसिड कम बनता है और फूड पाइप पर दबाव नहीं पड़ता। इससे खाना आसानी से पचता है और रात के समय पेट भारी या असहज महसूस होने जैसी शिकायतें कम हो जाती हैं। बाईं तरफ सोना दिल के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। चूंकि हृदय शरीर के बाईं ओर स्थित होता है, इसलिए इस दिशा में सोने पर दिल पर दबाव कम पड़ता है और रक्त प्रवाह बेहतर होता है। हालांकि हृदय रोग से पीड़ित लोगों को अपनी सोने की मुद्रा में बदलाव करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए, लेकिन सामान्य स्थितियों में यह करवट दिल को राहत पहुंचाने का काम करती है। इसके अलावा, बाईं करवट गुरुत्वाकर्षण के प्राकृतिक प्रवाह के साथ मेल खाती है, जिससे पाचन की प्रक्रिया सुचारू रहती है और कब्ज जैसी दिक्कतें कम होती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बाईं करवट सोने से नींद की गुणवत्ता भी बढ़ती है। जिन लोगों को खर्राटे आते हैं या सोते समय सांस लेने में दिक्कत होती है, उन्हें इस मुद्रा से काफी राहत मिलती है। बाईं ओर सोने से वायुमार्ग खुला रहता है और गले पर दबाव कम पड़ता है, जिससे सांस लेने में आसानी होती है और खर्राटों में भी कमी आती है। गर्भवती महिलाओं के लिए भी यह मुद्रा सबसे सुरक्षित मानी जाती है, क्योंकि इससे गर्भ में शिशु तक रक्त और पोषक तत्व बेहतर तरीके से पहुंचते हैं, साथ ही मां की पीठ और पेट पर दबाव भी कम होता है। कुल मिलाकर, बाईं करवट सोना न केवल नींद की गुणवत्ता बढ़ाता है, बल्कि दिल, पाचन, सांस और गर्भावस्था से जुड़ी कई समस्याओं के जोखिम को भी कम करता है। सोते समय यह छोटी-सी आदत आपकी सेहत को लंबे समय तक बेहतर बनाए रखने में अहम भूमिका निभा सकती है। मालूम हो कि सेहतमंद रहने के लिए सिर्फ पौष्टिक भोजन या व्यायाम ही काफी नहीं है, बल्कि पूरी और गुणवत्तापूर्ण नींद भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। नींद की कमी या खराब नींद का असर सीधे शरीर और दिमाग दोनों पर पड़ता है, जिससे थकान, चिड़चिड़ापन, ध्यान की कमी और कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। सुदामा/ईएमएस 27 नवंबर 2025