मुंबई (ईएमएस)। दूरदर्शन के लोकप्रिय शो ‘महाभारत’ में द्रौपदी का किरदार निभाने वाली रूपा गांगुली भारतीय टीवी इतिहास की सबसे यादगार कलाकारों में गिनी जाती हैं। बी.आर. चोपड़ा के ऐतिहासिक टीवी शो महाभारत में उनकी अभिनय क्षमता, सहजता और भावनात्मक गहराई ने उन्हें दर्शकों के दिलों में आज भी अमर कर दिया है। विशेष रूप से ‘चीरहरण’ का सीन, जिसे उन्होंने एक ही टेक में शूट किया था, उनके करियर का सबसे मजबूत और भावनात्मक पल माना जाता है। कहा जाता है कि शूट खत्म होते ही रूपा किरदार की वेदना में इतनी डूब गईं कि फूट-फूटकर रो पड़ीं। यही वजह है कि दर्शक आज भी उन्हें असली द्रौपदी के रूप में याद करते हैं। रूपा गांगुली का जन्म 25 नवंबर 1966 को कोलकाता के कल्याणी में हुआ था। उनकी रुचि कला और संस्कृति में बचपन से ही थी, हालांकि अभिनय में आने का कोई इरादा नहीं था। लेकिन एक शादी समारोह में फिल्म निर्माता बिजॉय चटर्जी से मुलाकात ने उनकी जिंदगी बदल दी। उन्होंने रूपा को अपनी टेलीफिल्म ‘निरुपमा’ (1986) के लिए कास्ट किया। पहली ही फिल्म में उनके काम ने दिग्गज अभिनेता सौमित्र चटर्जी को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने आगे भी उन्हें फिल्मों में लेने का सुझाव दिया। इसके बाद रूपा ने बंगाली फिल्मों के साथ-साथ हिंदी सिनेमा में भी काम किया। ‘बाहर आने तक’ (1990), ‘सौगंध’ (1991), ‘प्यार का देवता’ (1991) और ‘विरोधी’ (1992) उनकी शुरुआती हिंदी फिल्में रहीं। उन्होंने कन्नड़ ब्लॉकबस्टर ‘पुलिस मट्टू दादा’ और तेलुगु फिल्म ‘इंस्पेक्टर भवानी’ में भी दमदार भूमिकाएँ निभाईं। हालांकि टीवी का ‘महाभारत’ उनके करियर का सबसे चमकदार अध्याय बना। द्रौपदी के रूप में उनकी लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि वह घर-घर में पहचानी जाने लगीं। उनके अभिनय ने द्रौपदी के साहस और पीड़ा को जीवंत कर दिया, जिसका प्रभाव आज भी कायम है। रूपा गांगुली का निजी जीवन संघर्षों से भरा रहा। 1992 में ध्रुव मुखर्जी से शादी के बाद उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और मानसिक तनाव के कारण उन्होंने तीन बार आत्महत्या करने की कोशिश भी की। लेकिन बेटे आकाश के जन्म ने उन्हें जीवन में नया उद्देश्य दिया। तलाक के बाद वह मुंबई लौट आईं और फिर से अपने करियर पर ध्यान केंद्रित किया। अभिनय के साथ-साथ रूपा एक प्रशिक्षित रवींद्र संगीत गायिका और क्लासिकल डांसर भी हैं। उन्होंने कई फिल्मों के लिए गाया और फिल्मफेयर अवॉर्ड भी जीता। बाद में 2015 में उन्होंने राजनीति में कदम रखा और भाजपा जॉइन करने के साथ राज्यसभा की सदस्य बनीं। सुदामा/ईएमएस 28 नवंबर 2025