राज्य
28-Nov-2025
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कोरबा (ईएमएस) शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से अलग जीवन आज भी जिले के पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोग जी रहे हैं। सरकारी योजनाएं उनके लिए बनाई तो जाती हैं, पर उनके रहन-सहन में बदलाव नहीं हो पाया है। आज भी पहाड़ व जंगलों के बीच रहने वाली यह जनजाति सुविधाओं से कोसों दूर है। यह सब श्री अग्रसेन गर्ल्स कॉलेज कोरबा की छात्राओं की एक टीम उनके बीच पहुंचकर देखी व जानी। अग्रसेन गर्ल्स कॉलेज में बीए अंतिम वर्ष की छात्राओं को बुधवार को ग्राम पंचायत माखुरपानी के आश्रित गांव सोनगुड़ा व बाघमाड़ा का शैक्षणिक भ्रमण कराया गया। भ्रमण में शामिल छात्राओं ने उक्त गांवों में रहने वाले राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाली विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवाओं के जीवन पर आर्थिक व भौगोलिक दृष्टि से अध्ययन किया। अध्यन के माध्यम से छात्राओं ने सोनगुड़ा बागमाड़ा गांव में निवासरत कोरवा जनजाति के लोगों की आर्थिक, सामाजिक, भौगोलिक व सांस्कृतिक स्थितियों से संबंधित विभिन्न जानकारी एकत्र की। छात्राओं की टीम सहायक प्राध्यापक डॉ. शकुंतला जायसवाल, नूपुर अग्रवाल, डॉ. संतोष कहार के नेतृत्व में भ्रमण पर थी। इस दौरान उन्होंने ग्रामीण जनजीवन को करीब से देखने व समझने का भी प्रयास किया। इस अवसर पर छात्राओं ने ग्राम बागमाड़ा का भ्रमण किया और कोरवाओं के आवास के साथ-साथ उनके खेती करने के तरीके, उनके आर्थिक संसाधनों के संबंध में उनसे बात कर जानकारी जुटाई। सहायक प्राध्यापक डॉ. शकुंतला जायसवाल, नूपुर अग्रवाल व डॉ. संतोष कहार ने संयुक्त रूप से बताया कि छात्राओं को पहाड़ी कोरवा जनजाति के जीवन पर अध्ययन के लिए ले जाया गया था। जहां छात्राओं को पहाड़ी कोरवा जनजाति को प्राप्त होने वाली विभिन्न शासकीय योजना की जानकारी दी गई। छात्राओं ने कोरवा जनजाति के लोगों को जनधन खाता, पीएम आवास योजना, वोटर आईडी, राशन कार्ड, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान योजना, मनरेगा योजना व विभिन्न सरकारी योजनाओं से लाभान्वित किए जाने की जानकारी दी गई। इसके बाद भी उनकी स्थिति में बदलाव क्यों नहीं आ पाया है इस पर अध्ययन किया गया। 28 नवंबर / मित्तल